Published by: Roshan Soni Updated on: Thursday, 31 Oct 2024
धनबाद समाचार: सांवलापुर में अवैध लॉटरी छपाई का भंडाफोड़, एक गिरफ्तार
धनबाद, झारखंड: धनबाद जिले के सांवलापुर गांव में पुलिस ने एक बड़े अवैध लॉटरी छपाई रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में प्रकाश मंडल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उसकी आवास पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में अवैध लॉटरी टिकट और प्रिंटिंग उपकरण बरामद किए हैं।
छापेमारी की विस्तृत जानकारी
कालूबथान ओपी क्षेत्र के सांवलापुर में एसएसपी के निर्देश पर गठित पुलिस टीम ने मंगलवार को प्रकाश मंडल के घर पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने आठ प्रिंटर, दो लैपटॉप, एक पेपर कटिंग मशीन, एक बड़ा स्टेपलर और नागालैंड राज्य के छपे हुए 55 बंडल अवैध लॉटरी टिकट जब्त किए।
निरसा एसडीपीओ रजत माणिक बाखला ने बताया कि इस छापेमारी में लाखों रुपए के अवैध लॉटरी टिकट बरामद किए गए हैं। इसके अलावा, पुलिस ने दो एंड्रॉइड मोबाइल भी जब्त किए हैं। यह कार्रवाई तब की गई जब पुलिस को सूचना मिली कि सांवलापुर में अवैध लॉटरी टिकट की छपाई की जा रही है।
गिरफ्तार प्रकाश मंडल का बयान
गिरफ्तार किए गए प्रकाश मंडल ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह अवैध लॉटरी टिकट के कारोबार में सांवलापुर के विशु मल्लिक का नाम भी शामिल है। इस संबंध में पुलिस ने कांड संख्या 361/24 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
कालूबथान ओपी प्रभारी नितेश मिश्रा ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है। उन्होंने कहा कि अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लगातार सक्रिय रहेगी और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी।
धनबाद समाचार: महाराष्ट्र से लौटे प्रवासी मजदूर का शव, खेराबेड़ा में मातम
धनबाद, झारखंड: गोमो के खेराबेड़ा गांव में बुधवार को एक प्रवासी मजदूर का शव पहुंचने से पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया। दिवाली की खुशियाँ इस दुःख में बदल गईं, जब दिव्यांग बासुदेव महतो (32) का शव महाराष्ट्र के कोल्हापुर से उसके घर पहुंचा।
घटना का विवरण
बासुदेव महतो के परिवार ने बताया कि वह अपने तीन भाइयों के साथ कोल्हापुर में मजदूरी कर रहे थे। रविवार की सुबह, बासुदेव जब अपने कमरे में खाना बना रहे थे, तभी अचानक गिर पड़े। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहाँ पहुँचने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना ने उनके परिवार के सदस्यों को गहरे सदमे में डाल दिया।
बासुदेव की पत्नी, लीलावती देवी, अपने पति के शव के पास दहाड़ मारकर रोने लगी। उन्होंने कहा, “मेरी कोई संतान नहीं है। अब मैं किसके सहारे जिंदगी काटूंगी?” बासुदेव के माता-पिता भी इस दुखद घटना से आहत हैं और उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
शोकाकुल परिवार को सहारा
इस कठिन समय में गांव के कई प्रतिष्ठित लोगों ने शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने का प्रयास किया। पूर्व मुखिया प्रेमचंद महतो, जगदीश चौधरी, लालचंद महतो, प्रत्याशी मोतीलाल महतो, समाजसेवी फरकेश्वर महतो और दिनेश महतो ने परिवार के सदस्यों को ढाढ़स बंधाया।
अन्य प्रवासी मजदूरों की स्थिति
इस बीच, चैता गांव के काली मंदिर टोला निवासी भीम राय (28) का शव कर्नाटक से अभी तक गांव नहीं पहुँच पाया है। भीम की भी रविवार को कर्नाटक में मृत्यु हो गई थी, और उसके परिवार ने भी इस दुखद समाचार के बाद शोक मनाया।
निष्कर्ष
यह घटना प्रवासी मजदूरों की कठिनाइयों और उनकी असुरक्षित जीवनशैली की एक दुखद कहानी बयां करती है। गाँव के लोग इस दुःखद समय में एकजुट होकर एक-दूसरे को सहारा देने का प्रयास कर रहे हैं। बासुदेव महतो की मृत्यु ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। सभी को इस दुःख की घड़ी में संवेदना और सहानुभूति के साथ एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।
अस्वीकृति: यह ब्लॉग धनबाद समाचार पर आधारित है और इसे जानकारी के स्रोत से संकलित किया गया है।
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