Published by: Roshan Soni
Updated on: Saturday, 04 jan 2025
हाल ही में चीन ने भारत के अक्साई चिन क्षेत्र में दो नई काउंटीज बनाकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। चीन ने हेनान काउंटी और हे कांग काउंटी का निर्माण किया है, जिसके बाद भारत सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2025 में चीन यात्रा प्रस्तावित है।
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अक्साई चिन: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

अक्साई चिन भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवादित क्षेत्र रहा है। यह क्षेत्र लद्दाख के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है और लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह क्षेत्र जम्मू-कश्मीर रियासत का हिस्सा रहा है।
1950 के दशक में चीन ने अक्साई चिन क्षेत्र पर अपना दावा किया और 1957 में इस क्षेत्र को शिनजियांग प्रांत में शामिल कर लिया। 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान चीन ने इस क्षेत्र पर सैन्य नियंत्रण स्थापित कर लिया, हालांकि भारत इसे अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। भारत का दावा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक आधार पर इस क्षेत्र पर मजबूत है।
चीन का हालिया कदम
चीन ने अक्साई चिन में दो नई काउंटीज बनाई हैं:
- हेनान काउंटी: यह काउंटी अक्साई चिन के बड़े हिस्से को कवर करती है।
- हे कांग काउंटी: यह अपेक्षाकृत छोटी काउंटी है।
चीन द्वारा किए गए इस बदलाव से संकेत मिलता है कि वह इस क्षेत्र में प्रशासनिक नियंत्रण बढ़ा रहा है और क्षेत्र में तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने चीन के इस कदम की कड़ी निंदा की है। भारत का कहना है कि अक्साई चिन भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन के इस कदम का कोई कानूनी आधार नहीं है। भारत सरकार ने इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का संकेत दिया है।
चीन की रणनीति और उद्देश्य
चीन द्वारा अक्साई चिन क्षेत्र में नई काउंटीज बनाने के पीछे कई रणनीतिक उद्देश्य नजर आते हैं:
- प्रशासनिक नियंत्रण बढ़ाना: नई काउंटीज का निर्माण चीन की प्रशासनिक पकड़ को मजबूत करने का संकेत है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: चीन इस क्षेत्र में सड़कों, गांवों और अन्य बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास कर सकता है।
- संसाधनों का दोहन: अक्साई चिन में लिथियम और अन्य दुर्लभ खनिज होने की संभावना है, जिसे चीन माइनिंग के माध्यम से दोहन कर सकता है।
- सैन्य शक्ति का विस्तार: चीन इस क्षेत्र में सैन्य ठिकानों का विस्तार कर सकता है, जिससे भारत के लिए सुरक्षा चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
भारत के लिए क्या हैं चुनौतियाँ?
चीन के इस कदम के बाद भारत के सामने कई चुनौतियां हैं:
- सीमा पर तनाव: चीन का यह कदम सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है।
- सैन्य आधार: चीन इस क्षेत्र में सैन्य आधार स्थापित कर सकता है।
- भारत की रणनीति: भारत को भी लद्दाख और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
चीन का यह कदम भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वाला है। भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाना चाहिए और सीमा पर सतर्कता बढ़ानी चाहिए। आगे की स्थिति पर नजर बनाए रखना आवश्यक होगा।
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