Published by :- Roshan Kumar
Updated on: Saturday ,15 Feb 2025
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चाइल्डहुड कैंसर डे 2025: जानिए मां के दूध के फायदे और कैंसर से बचाव में इसकी भूमिका
HighLights:
- कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है।
- यह बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है।
- हर साल 15 फरवरी को चाइल्डहुड कैंसर डे मनाया जाता है।
- मां का दूध बच्चों को कैंसर से बचाने में मदद करता है।
चाइल्डहुड कैंसर डे क्यों मनाया जाता है?
कैंसर दुनियाभर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। यह बीमारी बच्चों को भी तेजी से प्रभावित कर रही है। इसको लेकर जागरूकता फैलाने और कैंसर से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को समर्थन देने के लिए हर साल 15 फरवरी को इंटरनेशनल चाइल्डहुड कैंसर डे (International Childhood Cancer Day 2025) मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य बचपन में होने वाले कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसके रोकथाम के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करना है। शोध से पता चला है कि कुछ सही आदतों को अपनाकर बच्चों में कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मां के दूध (Breastfeeding) की होती है।
ब्रेस्टफीडिंग क्यों है जरूरी?
गुरुग्राम के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल में आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी की क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. पल्लवी वसल का कहना है कि ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding benefits) न केवल बच्चे के पोषण के लिए आवश्यक है, बल्कि यह उसे कई गंभीर बीमारियों से भी बचाने में मदद करता है। शोध बताते हैं कि जिन बच्चों को कम से कम छह से सात महीने तक मां का दूध पिलाया जाता है, उनमें बचपन में ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
अध्ययनों के अनुसार:
- सात से आठ महीने तक स्तनपान कराने से ल्यूकेमिया (Leukemia) का खतरा लगभग 20% तक कम हो सकता है।
- मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी और इम्यून फैक्टर्स बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं।
- ब्रेस्ट मिल्क सामान्य संक्रमणों से बचाव करने के साथ-साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।
कैसे मददगार है मां का दूध कैंसर से बचाव में?
मां के दूध में ऐसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो कैंसर से लड़ने में मददगार साबित होते हैं।
1. इम्युनिटी बूस्ट करता है
मां के दूध में इम्युनोग्लोबुलिन A (IgA), लैक्टोफेरिन, और साइटोकाइंस जैसे तत्व होते हैं, जो बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इससे संक्रमण और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाव होता है।
2. कैंसर से लड़ने वाले तत्व मौजूद होते हैं
- मां के दूध में ओमेगा-3 फैटी एसिड और कॉन्जुगेटेड लिनोलिक एसिड (CLA) जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर विरोधी गुण रखते हैं।
- ये पोषक तत्व ब्लड कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
3. शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को बढ़ाता है
- ब्रेस्ट मिल्क में एंटीऑक्सीडेंट्स और प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करके कैंसर सेल्स के विकास को रोकते हैं।
- यह शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं को बनाए रखने में मदद करता है।
बचपन में कैंसर के लक्षण
यदि बचपन में कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज जल्द किया जा सकता है।
आम लक्षण:
- लगातार बुखार आना
- शरीर में किसी हिस्से में सूजन
- अत्यधिक कमजोरी और थकान
- लगातार वजन कम होना
- बार-बार संक्रमण होना
- हड्डियों और जोड़ों में दर्द
यदि आपके बच्चे में ये लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
चाइल्डहुड कैंसर से बचाव के उपाय
- ब्रेस्टफीडिंग: 6-8 महीने तक स्तनपान कराना बहुत जरूरी है।
- स्वस्थ आहार: बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें।
- साफ-सफाई: संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें।
- वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाव: समय-समय पर टीकाकरण करवाएं।
- प्रदूषण से बचाव: बच्चे को प्रदूषित वातावरण में जाने से रोकें।
आज के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- नवजात को स्तनपान कराना अनिवार्य करें।
- बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए पौष्टिक आहार दें।
- यदि कोई असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. चाइल्डहुड कैंसर डे क्यों मनाया जाता है? यह दिन बच्चों में कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके परिवारों को समर्थन देने के लिए मनाया जाता है।
2. क्या ब्रेस्टफीडिंग से कैंसर से बचाव संभव है? हाँ, शोध बताते हैं कि मां का दूध बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और बचपन में होने वाले ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया) के खतरे को कम करता है।
3. बचपन में कैंसर के क्या लक्षण होते हैं? लगातार बुखार, वजन कम होना, शरीर में सूजन, थकान और बार-बार संक्रमण होना बचपन में कैंसर के संभावित लक्षण हो सकते हैं।
4. कैंसर से बचाव के लिए क्या करना चाहिए? ब्रेस्टफीडिंग, पौष्टिक आहार, स्वच्छता, टीकाकरण और नियमित हेल्थ चेकअप से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
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