इंफोसिस के सह-संस्थापक और पूर्व IISc निदेशक के खिलाफ SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज

Published by :- Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 28 Jan 2025

बेंगलुरु: इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक कृष्णन (क्रिस) गोपालकृष्णन और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु के पूर्व निदेशक पद्मनाभन बालाराम समेत 16 अन्य लोगों के खिलाफ SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला सोमवार को बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में 71वें सिटी सिविल और सेशंस कोर्ट (CCH) के निर्देश पर दर्ज किया गया।

किसने दर्ज कराई शिकायत और क्यों?

Credit as :- The Hindu

 

शिकायतकर्ता दुर्गप्पा, जो कि एक जनजातीय (बोवी समुदाय) के सदस्य और IISc के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में पूर्व फैकल्टी सदस्य हैं, ने आरोप लगाया कि 2014 में उन्हें गलत तरीके से एक हनी ट्रैप मामले में फंसाया गया और नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें जातिसूचक गालियाँ और धमकियाँ दी गईं

किन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज?

मामले में आरोपी बनाए गए व्यक्तियों में शामिल हैं:
गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैया, हरी के वी एस, दासप्पा, बालाराम पी, हेमलता मिश्री, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकार, और मनोहरन। हालांकि, IISc के किसी भी फैकल्टी सदस्य या क्रिस गोपालकृष्णन ने इस मामले पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

कौन हैं पद्म भूषण क्रिस गोपालकृष्णन?

क्रिस गोपालकृष्णन इंफोसिस के सह-संस्थापक हैं और 2007 से 2011 तक कंपनी के CEO और MD रहे। 2011 से 2014 तक वे वाइस-चेयरमैन भी रहे। भारत सरकार ने उन्हें 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।

उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
IIT मद्रास से भौतिकी और कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री
भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी (INAE) के फेलो
इंस्टिट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स (IETE) के ऑनरेरी फेलो

मामले पर अब तक क्या प्रतिक्रिया आई?

इस केस को लेकर अभी तक इंफोसिस या IISc की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच जारी है।

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FAQs: इंफोसिस सह-संस्थापक और पूर्व IISc निदेशक के खिलाफ SC/ST अत्याचार अधिनियम मामला

1. यह मामला कब और कहां दर्ज किया गया?

✔ यह मामला सोमवार, 2024 को बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया।

2. इस मामले में कौन-कौन आरोपी हैं?

✔ मुख्य आरोपी: क्रिस गोपालकृष्णन (इंफोसिस सह-संस्थापक), पद्मनाभन बालाराम (पूर्व IISc निदेशक)
✔ अन्य आरोपी: गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैया, हरी के वी एस, दासप्पा, हेमलता मिश्री, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकार, मनोहरन आदि

3. शिकायतकर्ता कौन हैं और उनके आरोप क्या हैं?

दुर्गप्पा, जो एक जनजातीय बोवी समुदाय से हैं और IISc के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में पूर्व फैकल्टी थे।
✔ उनका आरोप है कि उन्हें झूठे हनी ट्रैप केस में फंसाया गया और 2014 में नौकरी से निकाल दिया गया
✔ उन्होंने जातिसूचक गालियों और धमकियों का भी आरोप लगाया है।

4. क्रिस गोपालकृष्णन कौन हैं?

इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक
✔ 2007-2011: CEO और MD
✔ 2011-2014: वाइस-चेयरमैन
2011 में भारत सरकार से पद्म भूषण सम्मान प्राप्त किया

5. IISc का इस मामले से क्या संबंध है?

✔ शिकायतकर्ता दुर्गप्पा IISc में पूर्व फैकल्टी थे और उनका दावा है कि उन्हें संस्थान में जातीय भेदभाव का सामना करना पड़ा।

6. मामले की जांच किस स्तर पर है?

पुलिस जांच जारी है और अब तक IISc या इंफोसिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

7. क्या इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई हो सकती है?

✔ SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिसके तहत कठोर दंड का प्रावधान है।

8. क्या इस मामले में इंफोसिस शामिल है?

✔ इंफोसिस कंपनी का सीधा संबंध नहीं है, लेकिन क्रिस गोपालकृष्णन, जो IISc बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य हैं, आरोपी सूची में शामिल हैं

9. क्या आरोपी पक्ष ने कोई बयान दिया है?

✔ अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

10. क्या यह मामला कोर्ट तक जाएगा?

✔ चूंकि यह मामला SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज हुआ है, अदालत की सुनवाई संभव है

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