Published by :- Roshan Soni
Updated on: Saturday, 01 Feb 2025
भारत सरकार ने बजट 2025 में मिडिल क्लास के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। इस बार के बजट में टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। खासतौर पर, जिनकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है, उन्हें अब इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इस फैसले से देश के लाखों टैक्सपेयर को राहत मिलेगी और उनकी क्रय शक्ति (purchasing power) बढ़ेगी।

Contents
- 1 टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव
- 2 सरकार को होगा ₹1 लाख करोड़ का रेवेन्यू लॉस
- 3 कॉर्पोरेट टैक्स में बदलाव नहीं, कंपनियों पर जिम्मेदारी बढ़ी
- 4 डिफेंस बजट में 9% की बढ़ोतरी
- 5 सरकार कैसे भरेगी टैक्स में हुई कमी?
- 6 मिडिल क्लास के लिए क्या फायदे?
- 7 निष्कर्ष
- 7.1 FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
- 7.1.1 1. क्या सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कोई बदलाव किया है?
- 7.1.2 2. कंपनियों पर कौन-कौन सी नई ज़िम्मेदारियाँ बढ़ी हैं?
- 7.1.3 3. इस बदलाव का कॉर्पोरेट सेक्टर पर क्या असर पड़ेगा?
- 7.1.4 4. क्या छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) पर भी इसका असर पड़ेगा?
- 7.1.5 5. क्या इस फैसले से निवेश पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
- 7.1.6 6. क्या कॉर्पोरेट टैक्स भविष्य में कम हो सकता है?
- 7.1.7 7. क्या कर्मचारियों को इस बदलाव से कोई लाभ होगा?
- 7.1.8 8. कंपनियों को इस नए बदलाव से कैसे निपटना चाहिए?
- 7.2 Related
- 7.1 FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव
अब तक, 7 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स-फ्री किया गया था, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। यह सरकार द्वारा मिडिल क्लास को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके अलावा, 16 लाख रुपये तक की इनकम पर भी स्टैंडर्ड डिडक्शन और अन्य छूटों के बाद कम टैक्स देना होगा।
नए टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं:
- 0 – 12 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं
- 12 – 16 लाख रुपये: 10% टैक्स, लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू होगा
- 16 – 20 लाख रुपये: 15% टैक्स
- 20 लाख से ऊपर: 30% टैक्स
स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण 16 लाख तक की इनकम वालों को भी काफी राहत मिलेगी। इससे देश के वेतनभोगी और पेंशनर्स को फायदा मिलेगा।
सरकार को होगा ₹1 लाख करोड़ का रेवेन्यू लॉस
इस टैक्स छूट से सरकार को करीब ₹1 लाख करोड़ के राजस्व (Revenue) का नुकसान होगा। पहले यह राशि सरकार के खजाने में टैक्स के रूप में आती थी, लेकिन अब यह पैसा सीधे जनता की जेब में रहेगा।
कॉर्पोरेट टैक्स में बदलाव नहीं, कंपनियों पर जिम्मेदारी बढ़ी
सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक कंपनियां वेतन नहीं बढ़ाएंगी, तब तक यह छूट पूरी तरह से कारगर नहीं होगी।
डिफेंस बजट में 9% की बढ़ोतरी
सरकार ने इस बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए ₹6.81 लाख करोड़ आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9% अधिक है। इसमें से अधिकांश राशि सेना के वेतन और पेंशन के लिए होगी, जबकि हथियारों की खरीद के लिए 2 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
सरकार कैसे भरेगी टैक्स में हुई कमी?
सरकार ने इस टैक्स कटौती से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए कुछ रणनीतियां अपनाई हैं:
- सरकारी कंपनियों में डिसइन्वेस्टमेंट (Disinvestment) करके करीब ₹20,000 – ₹30,000 करोड़ जुटाने की योजना है।
- विदेशी निवेश (FDI) बढ़ाने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे।
- जीएसटी (GST) से मिलने वाले राजस्व को बढ़ाने के प्रयास होंगे।
मिडिल क्लास के लिए क्या फायदे?
- घरेलू खर्चों में बढ़ोतरी: इनकम टैक्स में राहत मिलने से लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे खर्चों में वृद्धि होगी।
- घर और गाड़ी खरीदने की संभावना बढ़ेगी: टैक्स सेविंग के कारण लोग अपने सपनों का घर और गाड़ी खरीदने के बारे में सोच सकते हैं।
- बचत और निवेश बढ़ेगा: टैक्स में बचत का सीधा असर निवेश और सेविंग पर पड़ेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
निष्कर्ष
बजट 2025 में सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। यह टैक्स छूट मध्यम वर्गीय परिवारों की क्रय शक्ति को बढ़ाएगी और देश की आर्थिक वृद्धि को बल देगी। हालांकि, सरकार को इस टैक्स कटौती की भरपाई करने के लिए नए राजस्व स्रोतों की तलाश करनी होगी। अब देखना यह है कि कंपनियां वेतन बढ़ाकर इस पहल का समर्थन करती हैं या नहीं।
क्या यह बजट आपके लिए फायदेमंद है? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. क्या सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कोई बदलाव किया है?
नहीं, सरकार ने इस बार कॉर्पोरेट टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन कंपनियों पर अतिरिक्त सामाजिक और आर्थिक ज़िम्मेदारियाँ बढ़ा दी गई हैं।
2. कंपनियों पर कौन-कौन सी नई ज़िम्मेदारियाँ बढ़ी हैं?
कंपनियों को अब सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR), कर्मचारी कल्याण, और पारदर्शिता को लेकर अधिक जवाबदेह बनाया गया है।
3. इस बदलाव का कॉर्पोरेट सेक्टर पर क्या असर पड़ेगा?
कंपनियों को अपनी वित्तीय योजनाओं में बदलाव करने पड़ सकते हैं और उन्हें सामाजिक कल्याण व पारदर्शिता को प्राथमिकता देनी होगी।
4. क्या छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) पर भी इसका असर पड़ेगा?
मुख्य रूप से बड़े कॉर्पोरेट्स पर असर पड़ेगा, लेकिन SMEs को भी अपने कर्मचारियों और वित्तीय पारदर्शिता को लेकर सतर्क रहना होगा।
5. क्या इस फैसले से निवेश पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
संभावना है कि कंपनियां टैक्स स्थिरता को देखते हुए निवेश जारी रखेंगी, लेकिन अतिरिक्त ज़िम्मेदारियों के कारण उनकी रणनीतियों में बदलाव हो सकता है।
6. क्या कॉर्पोरेट टैक्स भविष्य में कम हो सकता है?
फिलहाल कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सरकार आर्थिक स्थिति और व्यापारिक माहौल को देखते हुए भविष्य में निर्णय ले सकती है।
7. क्या कर्मचारियों को इस बदलाव से कोई लाभ होगा?
हाँ, क्योंकि कंपनियों को कर्मचारी कल्याण और कार्यस्थल सुधार की दिशा में अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
8. कंपनियों को इस नए बदलाव से कैसे निपटना चाहिए?
कंपनियों को अपनी वित्तीय और सामाजिक जिम्मेदारियों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए और पारदर्शी नीतियों को अपनाना चाहिए।
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