बोकारो में चास के पटाखा बाजार में भीषण आग और लूटपाट: जानें हादसे की पूरी कहानी
Published by:Roshan Soni
Updated on: Friday, 01 Nov 2024
झारखंड के बोकारो जिले के चास में दिवाली के अवसर पर पटाखों की खरीदारी का उत्साह अचानक तब अफरा-तफरी में बदल गया, जब सड़क किनारे स्थित पटाखा बाजार में भीषण आग लग गई। इस हादसे ने न सिर्फ पूरे इलाके में खलबली मचा दी बल्कि दुकान मालिकों और खरीददारों को भी एक भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा। इस लेख में हम आपको इस हादसे से जुड़ी सभी जानकारी देंगे।
भीषण आग और पटाखों का धमाका
बोकारो के चास क्षेत्र में लगी इस आग ने अचानक से विकराल रूप धारण कर लिया। आग लगने के बाद दुकानों में रखे पटाखों में धमाके होने लगे, जिससे रॉकेट जैसे पटाखे इधर-उधर जाने लगे और इलाके में एक खौफनाक माहौल बन गया। स्थानीय लोग और दुकानदार जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे।
कुल 66 दुकानें चपेट में, 55 से अधिक दुकानें जलकर खाक
प्रशासन के अनुसार, इस हादसे में कुल 66 दुकानों को आग ने अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें से 55 से अधिक दुकानें पूरी तरह से जलकर खाक हो गईं। दिवाली के मौके पर लोग यहां पर पटाखों की खरीदारी के लिए दूर-दूर से आए थे, और पटाखा विक्रेताओं ने बड़ी मात्रा में पटाखों का स्टॉक अपने दुकानों में रखा था, जिससे नुकसान की गंभीरता बढ़ गई।
सुरक्षा इंतजामों में कमी
चास के गरगा पुल के पास भीड़भाड़ वाले इलाके में पटाखा बाजार लगाने के लिए प्रशासन ने अनुमति दी थी, लेकिन बाजार में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। इस कमी का खामियाजा दुकानदारों को भारी नुकसान के रूप में भुगतना पड़ा। प्रशासन ने भीड़भाड़ वाले इलाके में दुकानें लगाने की अनुमति दी, लेकिन आग लगने पर सुरक्षा इंतजामों की कमी ने स्थिति को और विकट बना दिया।
आग लगने के बाद हुई लूटपाट
आग लगने से एक ओर जहां पटाखा बाजार में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने मौके का फायदा उठाकर दुकानों में लूटपाट शुरू कर दी। रिपोर्ट के अनुसार, कई लोग पैसे समेत अन्य कीमती सामान लेकर फरार हो गए। दुकानदारों के लिए यह हादसा एक दोहरा संकट बनकर सामने आया, जहां एक तरफ उनके सामान जलकर खाक हो गए, वहीं दूसरी तरफ लूटपाट ने उनके नुकसान को और बढ़ा दिया।
हादसे के पीछे की वजह और प्रशासन की भूमिका
आग लगने की मुख्य वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। जिला प्रशासन ने इलाके में पटाखा बाजार लगाने की अनुमति तो दी थी, लेकिन सुरक्षा इंतजामों की कमी से कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा दुकानदारों को अपने नुकसान के रूप में भुगतना पड़ा।
प्रशासन से अपील और सुरक्षा के लिए सुझाव
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अगली बार अधिक सख्त सुरक्षा मानकों के पालन की अपील की है। प्रशासन को ऐसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा के लिए अग्निशमन यंत्र, फायर ब्रिगेड की व्यवस्था और बाजारों में अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करनी चाहिए।
निष्कर्ष
बोकारो के चास में दिवाली के पटाखा बाजार में लगी आग ने कई परिवारों को आर्थिक और भावनात्मक रूप से झकझोर कर रख दिया है। इस तरह की घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा के अभाव के कारण होती हैं, जिन्हें रोका जा सकता है। उम्मीद है कि इस हादसे से प्रशासन सीख लेगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगा।
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