Published by :- Sourav kumar
Updated on: Tuesday,04 Feb 2025
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद की बड़ी बैठक होने जा रही है, जिसमें हमास समेत कई आतंकी संगठनों की भागीदारी होगी। क्या भारत इस पर कार्रवाई करेगा? जानिए पूरी रिपोर्ट।

हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में एक बड़ी बैठक आयोजित होने जा रही है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) समेत कई आतंकी संगठन शामिल होंगे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस बैठक में हमास (Hamas) को भी आमंत्रित किया गया है। यह घटना भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
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बैठक का उद्देश्य और स्थान
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक सबीर शहीद स्टेडियम, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आयोजित की जाएगी। यह स्थान आतंकियों के गढ़ के रूप में जाना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में कश्मीर से गाजा तक आजादी के नारे लगाए जाएंगे। आतंकवादी संगठनों की इस रणनीतिक बैठक को भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश के रूप में देखा जा रहा है।
हमास की भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
हमास मुख्य रूप से फिलिस्तीन के गाजा क्षेत्र में सक्रिय एक मिलिटेंट संगठन है। हाल ही में, इजराइल और हमास के बीच हुए युद्ध में हजारों लोगों की जान गई थी। अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और कई अन्य देशों ने हमास को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। हालांकि, भारत ने अभी तक हमास को आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित नहीं किया है।
भारत की स्थिति: हमास को आतंकी संगठन घोषित करेगा भारत?
इजराइल लंबे समय से भारत से आग्रह कर रहा है कि हमास को आतंकी संगठन घोषित किया जाए। लेकिन भारत इस मुद्दे पर सतर्क नीति अपना रहा है, क्योंकि रूस और ईरान के हमास से करीबी संबंध हैं। ऐसे में, अगर भारत हमास को आतंकी संगठन घोषित करता है, तो भारत-रूस संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है।
पाकिस्तान और आतंकी गठजोड़: भारत के लिए नई चुनौती?
अगर हमास जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और अन्य पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ गठजोड़ करता है, तो यह भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है। अगस्त 2024 में लश्कर-ए-तैयबा और हमास के नेताओं की कतर में हुई मीटिंग ने भी भारत की सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया था।
भारत के सामने क्या विकल्प हैं?
भारत इस घटनाक्रम के बाद तीन संभावित कदम उठा सकता है:
- इस बैठक को नजरअंदाज करना: भारत इस बैठक को केवल प्रचार और उकसावे का हिस्सा मानते हुए कोई प्रतिक्रिया न दे।
- हमास को आतंकी संगठन घोषित करना: इससे भारत-इजराइल संबंध मजबूत होंगे, लेकिन भारत-रूस संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
- राजनयिक दबाव बनाना: भारत, ईरान और फिलिस्तीन सरकार से बात करके यह पूछ सकता है कि उनके संगठन पाकिस्तान में आतंकी संगठनों से क्यों मिल रहे हैं।
निष्कर्ष
यह घटनाक्रम भारत के लिए एक नई कूटनीतिक चुनौती खड़ी कर सकता है। जैश-ए-मोहम्मद और हमास के बढ़ते संबंध दक्षिण एशिया की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं। अब देखना यह है कि भारत इस पर क्या कदम उठाता है। क्या भारत हमास को आतंकी संगठन घोषित करेगा? या फिर केवल कूटनीतिक प्रतिक्रिया देकर मामले को हल करेगा?
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