बिहटा में फिर लगा महाजाम: 14 किमी तक वाहनों की कतार, आम जनता को झेलनी पड़ी मुश्किलें

Published by: Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 31 Dec 2024

बिहटा समाचार: बिहार के बिहटा में प्रतिदिन लगने वाले जाम की समस्या अब गंभीर रूप ले चुकी है। सोमवार को फिर से सुबह सात बजे से लेकर शाम सात बजे तक परेव मार्ग से लेकर कन्हौली तक महाजाम लग गया, जिसके कारण वाहनों की कतार 14 किलोमीटर तक फैल गई। इस महाजाम ने न केवल वाहन चालकों को, बल्कि पैदल चलने वालों को भी भारी परेशानी का सामना कराया। लोगों का कहना है कि जाम की समस्या को सुलझाने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।

समस्या की गंभीरता: हर रोज़ का हिस्सा बन चुका है जाम

         बिहटा में फिर लगा महाजाम: 14 किमी तक वाहनों की कतार, आम जनता को झेलनी पड़ी मुश्किलें

बिहटा में प्रतिदिन लगने वाला जाम अब स्थानीय लोगों के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। सड़क पर घंटों जाम में फंसे रहना एक आम बात हो गई है। सोमवार के जाम में लोग परेशान होकर प्रशासन से जल्द राहत की उम्मीद जताते रहे। इस जाम ने न केवल वाहनों को रुकने पर मजबूर किया, बल्कि लोगों के दैनिक कार्यों में भी बाधा डाली।

जाम का मुख्य कारण बिहटा से कोईलवर की ओर जाने वाले बालू लदे ट्रकों का भारी आवागमन बताया जा रहा है। इन ट्रकों की वजह से अक्सर सड़क पर ट्रकों और हाइवा की लंबी कतारें लग जाती हैं, जो घंटों तक खत्म नहीं होतीं।

सोमवार का महाजाम: 14 किमी तक वाहनों की कतार

सोमवार की सुबह सात बजे से ही परेव मार्ग से लेकर कन्हौली तक वाहनों की कतारें लगनी शुरू हो गईं। जाम की स्थिति इतनी खराब हो गई कि यह 14 किलोमीटर तक फैल गई। ट्रक और बसों के अलावा ऑटो चालकों और पैदल चलने वालों को भी इस महाजाम से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शाम सात बजे के बाद स्थानीय प्रशासन ने सख्ती से जाम की स्थिति को नियंत्रित किया और कुछ राहत मिली, लेकिन तब तक लोगों का हाल बेहाल हो चुका था।

ट्रक चालकों और यात्रियों की परेशानी

इस जाम के कारण सबसे अधिक परेशानी ट्रक चालकों को हुई। कई ट्रक चालकों ने बताया कि वे एक ही रास्ते पर घंटों खड़े रहते हैं और जब उनका नंबर आता है, तो पुलिस उन्हें दूसरे रास्ते से घुमा देती है, जिससे फिर से वही स्थिति बन जाती है और उन्हें वापस घंटों इंतजार करना पड़ता है।

यात्री वाहन चालकों ने भी शिकायत की कि जब उन्हें इमरजेंसी में कहीं जाना होता है, तो वे घंटों जाम में फंसे रहते हैं, जिससे न केवल उनकी यात्राएं विलंबित होती हैं, बल्कि समय की भी भारी बर्बादी होती है।

प्रशासन पर उठे सवाल

इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब बिहटा में हर रोज़ ऐसा जाम लगता है, तो प्रशासन की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है। क्या प्रशासन को इस जाम की गंभीरता का एहसास नहीं है? स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि लोगों को रोजाना इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

उपाय की तलाश: क्या हो सकता है समाधान?

इस जाम की समस्या को सुलझाने के लिए प्रशासन को तुरंत कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। सबसे पहले, वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि ट्रक और अन्य बड़े वाहन मुख्य सड़कों पर न आएं। साथ ही, ओवरलोड ट्रकों के चलने पर रोक लगाने के लिए कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए।

दूसरा, ट्रक चालकों और यात्रियों के लिए एक सख्त समय सारणी तैयार करनी चाहिए ताकि उनका मार्ग तय किया जा सके और किसी भी स्थिति में जाम न लगे। तीसरा, पैदल चलने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फुटपाथ और जाम की स्थिति में उन्हें सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

निष्कर्ष: प्रशासन को कदम उठाने होंगे

बिहटा की सड़कें आजकल जाम की गिरफ्त में हैं और इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने होंगे। यदि जाम की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो यह और भी गंभीर रूप ले सकता है, जिससे ना केवल यातायात व्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

अंततः, प्रशासन को शीघ्र इस समस्या का हल निकालना चाहिए ताकि लोगों को रोजाना की परेशानियों से मुक्ति मिल सके और बिहटा की यातायात व्यवस्था बहाल की जा सके।

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