अंकिता हत्याकांड: 32 महीने बाद तीनों आरोपी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सज़ा | Uttarakhand Ankita Bhandari Murder Case Verdict 2025

By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni               

Updated : Friday , 30 May 2025


 परिचय: क्यों था यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय?

18 सितंबर 2022 की रात उत्तराखंड के एक शांत और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र ऋषिकेश के पास स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में एक दिल दहला देने वाला अपराध घटित हुआ। रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया। यह घटना जैसे ही सामने आई, उत्तराखंड समेत पूरे देश में आक्रोश फैल गया।

Credit as Navjiv

 

लगभग 32 महीने की लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद, 30 मई 2025 को कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया।


 कोर्ट का फैसला: न्याय की उम्मीद या अधूरा इंसाफ?

कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (ADJ) ने तीनों आरोपियों — पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता — को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छिपाना), और 354 (छेड़छाड़) के तहत दोषी करार दिया।

कोर्ट ने सुनाई ये सज़ा:

  • उम्रकैद की सजा (Life Imprisonment)
  • ₹50,000 का जुर्माना प्रत्येक आरोपी पर
  • ₹4 लाख मुआवजा अंकिता के परिजनों को

हालांकि, अंकिता के माता-पिता इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि जिन्होंने उनकी बेटी की जिंदगी छीनी, उन्हें मौत की सज़ा मिलनी चाहिए थी।


घटनाक्रम: कब क्या हुआ?

तारीख घटना
18 सितंबर 2022 अंकिता की हत्या और शव को नहर में फेंका गया
20 सितंबर 2022 पुलकित आर्य ने झूठी गुमशुदगी की रिपोर्ट दी
22 सितंबर 2022 मामला रेगुलर पुलिस को सौंपा गया, केस दर्ज
23 सितंबर 2022 तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया
24 सितंबर 2022 अंकिता का शव बरामद और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश
26 सितंबर 2022 पुलिस कस्टडी रिमांड में अपराध सीन की पुनर्निर्माण प्रक्रिया
16 दिसंबर 2022 चार्जशीट कोर्ट में दाखिल
30 जनवरी 2023 मुकदमे की पहली सुनवाई शुरू
28 मार्च 2023 अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू
30 मई 2025 कोर्ट का अंतिम फैसला — दोष सिद्ध और उम्रकैद

 जांच और सबूत: कैसे हुआ आरोप सिद्ध?

  • एसआईटी द्वारा 97 गवाह तैयार किए गए, जिनमें से 47 को अदालत में पेश किया गया।
  • अभियोजन पक्ष ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।
  • मेडिकल रिपोर्ट में अंकिता की मौत दम घुटने से होना बताया गया।
  • गवाहों के अनुसार, अंकिता पर रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों से “गैरकानूनी काम” के लिए दबाव डाला जा रहा था।
  • इनकार करने पर, उसे नहर में धक्का दे दिया गया।

 अदालत परिसर की सुरक्षा: छावनी में बदला कोर्ट एरिया

फैसले से पहले कोटद्वार कोर्ट परिसर को छावनी में बदल दिया गया था:

  • चार मजिस्ट्रेट और भारी पुलिस बल तैनात
  • 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू
  • नारेबाजी, धरना, प्रदर्शन पर प्रतिबंध

पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया: “हमें हमारी बेटी का खून माफ नहीं”

अंकिता की मां का बयान:

“हमें इस फैसले से न्याय की अनुभूति नहीं हुई। हमारी बेटी को जो दर्द दिया गया, उसका बदला सिर्फ मौत की सजा ही हो सकती थी।”

परिवार ने यह भी घोषणा की है कि वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।


 सामाजिक प्रभाव और जनआक्रोश

इस केस ने उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए। सोशल मीडिया पर #JusticeForAnkita ट्रेंड करता रहा। युवाओं और महिलाओं के बीच यह केस “महिलाओं की सुरक्षा” पर एक चेतावनी बन गया।


वनंत्रा रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य कौन है?

  • पूर्व भाजपा नेता का बेटा
  • राजनीतिक पहुंच और प्रभाव का आरोप
  • गिरफ्तारी के बाद भाजपा से निष्कासित

इस केस ने “राजनीति, पैसा और अपराध” के गठजोड़ को भी उजागर किया।


 क्या यह न्याय है?

भले ही अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देकर उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन सवाल यह है — क्या यह सजा अंकिता और उसके परिवार के लिए पर्याप्त है?

कई लोग मानते हैं कि जब तक बलात्कार और हत्या जैसे मामलों में फांसी की सजा नहीं दी जाती, तब तक महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. अंकिता भंडारी कौन थी?

उत्तर: अंकिता भंडारी एक 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट थी जो उत्तराखंड के वनंत्रा रिसॉर्ट में कार्यरत थी।

Q2. अंकिता की हत्या क्यों की गई?

उत्तर: आरोपियों ने अंकिता पर अनैतिक कार्यों का दबाव डाला और मना करने पर उसकी हत्या कर दी गई।

Q3. इस केस में दोषी कौन हैं?

उत्तर: पुलकित आर्य (रिसॉर्ट मालिक), सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता।

Q4. कोर्ट ने क्या सजा सुनाई?

उत्तर: तीनों को उम्रकैद, ₹50,000 जुर्माना और ₹4 लाख मुआवजा।

Q5. क्या पीड़ित परिवार संतुष्ट है?

उत्तर: नहीं, वे मौत की सज़ा चाहते थे और अब हाईकोर्ट में अपील करेंगे।


निष्कर्ष: यह केस हमें क्या सिखाता है?

अंकिता भंडारी का हत्याकांड सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के नैतिक पतन और सत्ता की लालच का खुला प्रमाण है। यह मामला बताता है कि जब तक हम आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक अन्याय का चक्र नहीं रुकेगा।


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