ममता बनर्जी के बयान पर संत समाज में आक्रोश: महाकुंभ पर टिप्पणी से विवाद

Published by :- Roshan Soni
Updated on: Wednesday ,19 Feb 2025

महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कहने पर संत समाज की प्रतिक्रिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रयागराज महाकुंभ 2025 को “मृत्यु कुंभ” कहे जाने पर संत समाज में आक्रोश फैल गया है। संतों ने उनके बयान को सनातन धर्म और महाकुंभ की पवित्रता का अपमान बताया है। उन्होंने मांग की है कि ममता बनर्जी सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।

                                                 Credit as – Social Media

मुख्य बिंदु:

  • महाकुंभ सनातन धर्म की दिव्यता का प्रतीक है: महंत जमुना पुरी
  • ममता बनर्जी को आत्मचिंतन करना चाहिए: स्वामी अरुण गिरी
  • कुंभ का अपमान, सनातन का अपमान: महंत राजेंद्र दास
  • संतों ने ममता बनर्जी से सार्वजनिक माफी की मांग की

संत समाज की प्रतिक्रियाएँ

महाकुंभ अमृत पर्व है, अपमानजनक शब्दों से बचें

श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के राष्ट्रीय सचिव महंत जमुना पुरी ने कहा कि ममता बनर्जी जिस पद पर हैं, उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ एक अमृत पर्व है और इसकी दिव्यता पूरी दुनिया ने देखी है।

अपने प्रदेश की स्थिति पर ध्यान दें: स्वामी अरुण गिरी

पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल हिंदू सनातनियों के लिए असुरक्षित होता जा रहा है, जहां हजारों सनातनी मारे जा रहे हैं और चुनाव के दौरान लाखों को पलायन करना पड़ता है। ममता बनर्जी को उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि अपने प्रदेश की चिंता करनी चाहिए।

महाकुंभ सनातन संस्कृति का प्रतीक है

निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ ने सनातन धर्म की दिव्यता को और मजबूत किया है। उन्होंने ममता बनर्जी पर सनातन धर्म विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया।

धार्मिक विषयों पर राजनीति उचित नहीं

गोवर्धन मठ पुरी के स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने कहा कि ममता बनर्जी को प्रयागराज आकर महाकुंभ का अनुभव लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस कुंभ में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था व्यक्त करते हैं, उसे मृत्यु कुंभ कहना निंदनीय है।

निष्कर्ष

संत समाज ने ममता बनर्जी के बयान की कड़ी निंदा की है और उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। उनका मानना है कि महाकुंभ सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की आत्मा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. महाकुंभ क्या है? महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो 12 साल में एक बार चार प्रमुख स्थानों पर आयोजित होता है।

2. ममता बनर्जी ने महाकुंभ को क्या कहा? ममता बनर्जी ने महाकुंभ को “मृत्यु कुंभ” कहा, जिससे संत समाज में आक्रोश फैल गया।

3. संत समाज ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी? संत समाज ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया और ममता बनर्जी से सार्वजनिक माफी की मांग की।

4. क्या महाकुंभ का आयोजन धार्मिक महत्व रखता है? हां, महाकुंभ सनातन संस्कृति की आत्मा माना जाता है और इसे दिव्य आयोजन के रूप में देखा जाता है।


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