मणिपुर में राष्ट्रपति शासन: मैतेई-कुकी हिंसा के बाद सीएम एन बीरेन सिंह का इस्तीफा, जानिए इसके कारण और प्रभाव

Published by :- Hritik Soni
Updated on: Friday, 14 Feb 2025

मणिपुर में क्यों लगा राष्ट्रपति शासन?
मणिपुर में जारी राजनीतिक उथल-पुथल और जातीय हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी। इसके साथ ही विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है।

क्या है मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का कारण?

 

Credit as :- Social Media

मणिपुर में लंबे समय से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा जारी थी, जिसके चलते राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की आलोचना भी हो रही थी कि वे इस अशांति को रोकने में विफल रहे हैं।

  • जातीय हिंसा: मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष ने राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को जन्म दिया।
  • नेतृत्व संकट: बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद भाजपा नेतृत्व नए मुख्यमंत्री के चयन में असमर्थ रहा, जिससे राज्य में नेतृत्व संकट पैदा हो गया।
  • राजनीतिक गतिरोध: राज्यपाल को ऐसा कोई भी दल नहीं मिला जो सरकार बनाने की स्थिति में हो, जिसके कारण राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई।

राष्ट्रपति शासन क्या है और इसे कब लगाया जाता है?

राष्ट्रपति शासन तब लगाया जाता है जब राज्य सरकार संविधान के अनुरूप काम करने में असमर्थ हो। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत यह प्रावधान है।
राष्ट्रपति शासन कब लगाया जाता है?

  1. जब चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिले।
  2. सत्ताधारी दल इस्तीफा दे और कोई अन्य दल सरकार बनाने में सक्षम न हो।
  3. राज्य सरकार संवैधानिक दायित्वों का पालन करने में विफल हो।
  4. आंतरिक अशांति को नियंत्रित करने में राज्य सरकार असफल हो।

मणिपुर में आगे क्या होगा?

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद केंद्र सरकार के अधीन प्रशासन चलाया जाएगा। राज्यपाल को सभी प्रशासनिक अधिकार सौंपे गए हैं। सीआरपीएफ और अन्य अर्धसैनिक बलों की तैनाती को और मजबूत किया जाएगा ताकि शांति व्यवस्था बहाल की जा सके।

राष्ट्रपति शासन के प्रभाव:

  • विधानसभा निलंबन: मणिपुर विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, जिससे राज्य में कोई भी विधायी कार्य नहीं हो सकेगा।
  • केंद्र सरकार का नियंत्रण: मणिपुर में सभी प्रशासनिक कार्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित किए जाएंगे।
  • राजनीतिक अस्थिरता: राज्य में राजनीतिक अस्थिरता जारी रहेगी जब तक नई सरकार का गठन नहीं होता।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. मणिपुर में राष्ट्रपति शासन कब और क्यों लगाया गया?
मणिपुर में 9 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राजनीतिक अस्थिरता के कारण राष्ट्रपति शासन लगाया गया।

2. राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य में प्रशासन कैसे चलता है?
राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल केंद्र सरकार के निर्देशों पर प्रशासन चलाते हैं और विधानसभा निलंबित रहती है।

3. मणिपुर में राष्ट्रपति शासन कितने समय तक लागू रहेगा?
संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति शासन अधिकतम छह महीने तक लागू हो सकता है, जिसे संसद की मंजूरी के बाद बढ़ाया जा सकता है।

निष्कर्ष

मणिपुर में जातीय हिंसा और राजनीतिक गतिरोध के कारण राष्ट्रपति शासन लगाना आवश्यक हो गया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार कैसे राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करती है और भविष्य में कौन मुख्यमंत्री बनेगा। मणिपुर की राजनीति पर इस घटना का गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

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