Published by :- Roshan Soni
Updated on: Sunday , 02 Feb 2025
हाल ही में भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ बढ़ाने की धमकियों के बीच एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अमेरिकी बाइक्स और कारों पर आयात शुल्क में उल्लेखनीय कमी की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में उच्च क्षमता वाली मोटरसाइकिलों और महंगी कारों पर आयात शुल्क में कटौती की जानकारी दी।
प्रमुख बिंदु:
- टैरिफ में कटौती: भारत ने अमेरिका से आयातित विशेष प्रकार के स्टील, महंगी मोटरसाइकिलों (जैसे हार्ले डेविडसन), और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर आयात शुल्क में कमी करने का निर्णय लिया है। इससे इन उत्पादों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
- ट्रंप की प्रतिक्रिया: राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत, चीन, और ब्राजील को “जबरदस्त टैरिफ मेकर्स” कहा था और उच्च आयात शुल्क लगाने के लिए आलोचना की थी। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि अमेरिका ऐसे देशों पर समान टैरिफ लगाएगा जो अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाते हैं।
- भारतीय उद्योगों पर प्रभाव: सरकार का मानना है कि इन टैरिफ कटौतियों से घरेलू उद्योगों पर कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके विपरीत, यह कदम अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की पहुंच को बढ़ावा देगा और द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित करेगा।
- आगामी बजट में घोषणा: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में इन टैरिफ कटौतियों की आधिकारिक घोषणा कर सकती हैं। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में और सुधार की उम्मीद है।
मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क में बदलाव:
- 1,600 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क को 50% से घटाकर 40% कर दिया गया है।
- सेमी-नॉक्ड डाउन (SKD) यूनिट्स पर शुल्क 25% से घटाकर 20% किया गया है।
- कंप्लीटली नॉक्ड डाउन (CKD) यूनिट्स पर शुल्क 15% से घटाकर 10% कर दिया गया है।
इन परिवर्तनों से हार्ले-डेविडसन जैसी अमेरिकी मोटरसाइकिल ब्रांड्स के भारतीय बाजार में सस्ती होने की उम्मी
महंगी कारों पर आयात शुल्क में कमी:
40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली लक्जरी कारों पर आयात शुल्क को 125% से घटाकर 70% कर दिया गया है। इस कदम से टेस्ला जैसी अमेरिकी कंपनियों के भारतीय बाजार में प्रवेश की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अमेरिका-भारत व्यापारिक संबंधों में नया मोड़:
डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाए जाने वाले उच्च आयात शुल्क की आलोचना की है, विशेषकर हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों के संदर्भ में। भारत सरकार का यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को कम करने और सकारात्मक वार्ता के लिए मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि इन आयात शुल्क कटौतियों से अमेरिकी निर्यातकों को लाभ होगा और भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार की संभावना बढ़ेगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इन नीतिगत परिवर्तनों का भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार और उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ता है, और क्या इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संतुलन में सुधार होता है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में हाल ही में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर उच्च आयात शुल्क लगाने के आरोपों के बाद, भारत सरकार ने अमेरिका से आयातित कुछ महंगे उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक संतुलन स्थापित करना और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
- भारत ने किन अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कटौती की है?
भारत ने विशेष प्रकार के स्टील, महंगी मोटरसाइकिलों (जैसे हार्ले डेविडसन), और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर आयात शुल्क में कमी की है।
- टैरिफ में कटौती का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संतुलन स्थापित करना और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
- क्या इन टैरिफ कटौतियों से भारतीय उद्योगों पर असर पड़ेगा?
सरकार का मानना है कि इन कटौतियों से घरेलू उद्योगों पर कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- क्या यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों के बाद लिया गया है?
हां, राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर उच्च आयात शुल्क लगाने के आरोपों के बाद, भारत ने यह कदम उठाया है।
- इन टैरिफ कटौतियों की आधिकारिक घोषणा कब होगी?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में इन कटौतियों की घोषणा कर सकती हैं।
इस निर्णय से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं और उद्योगों को लाभ होगा।
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