Published by :- Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 14 Jan 2025
प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है, और इस पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी में उमड़ रहे हैं। इस बार के महाकुंभ में करीब 40 से 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। माघ महीने में गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम पर स्नान करने का पुण्य लाखों श्रद्धालु कमा रहे हैं।
महाकुंभ जैसे विश्वप्रसिद्ध आयोजन में ठहरने की व्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण होती है। प्रयागराज में होटलों और धर्मशालाओं की बुकिंग पहले से ही फुल है, लेकिन मेला क्षेत्र में ठहरने के कई शानदार विकल्प उपलब्ध हैं।
Contents
- 1 मेला क्षेत्र में ठहरने के विकल्प
- 1.1 महाकुंभ की प्रमुख तिथियां और भीड़
- 1.1.1 महाकुंभ की विशेषताएं
- 1.1.2 महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
- 1.1.3 महाकुंभ 2025: संगम नगरी की अद्भुत छवि
- 1.1.4 महाकुंभ 2025 से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- 1.1.4.1 1. महाकुंभ 2025 कब से शुरू हुआ है?
- 1.1.4.2 2. महाकुंभ 2025 का आयोजन कहां हो रहा है?
- 1.1.4.3 3. इस बार महाकुंभ में कितने श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है?
- 1.1.4.4 4. महाकुंभ में ठहरने की क्या व्यवस्था है?
- 1.1.4.5 5. महाकुंभ 2025 की प्रमुख स्नान तिथियां कौन-सी हैं?
- 1.1.4.6 6. मेला क्षेत्र में ठहरने के लिए कैसे संपर्क करें?
- 1.1.4.7 7. क्या मेला क्षेत्र में सुरक्षा की व्यवस्था है?
- 1.1.4.8 8. महाकुंभ के दौरान कैसे पहुंचें?
- 1.1.4.9 9. संगम में स्नान का क्या महत्व है?
- 1.1.4.10 10. महाकुंभ की जानकारी कहां से प्राप्त करें?
- 1.1.5 Related
मेला क्षेत्र में ठहरने के विकल्प

1. तीर्थ पुरोहित और साधु-संतों के शिविर
महाकुंभ में अखाड़ों और साधु-संतों के शिविर श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन ठहराव का विकल्प हैं।
- सीधे संपर्क करें: इन शिविरों में ठहरने के लिए आपको संबंधित आश्रम या तीर्थ पुरोहित से संपर्क करना होगा।
- कल्पवास की परंपरा: पुरोहितों के शिविरों में ठहरने वाले श्रद्धालु कल्पवास के जरिए अपनी धार्मिक परंपराओं को निभाते हैं।
- आध्यात्मिक अनुभव: इन शिविरों में रुकने से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और साधु-संतों का सानिध्य मिलता है।
2. सरकारी आश्रय स्थल

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मेला क्षेत्र में 20,000 से अधिक लोगों के लिए आश्रय स्थल बनाए हैं।
- किराया: मात्र ₹100 प्रति रात।
- सुविधाएं: ठंड से बचने के लिए कंबल और बुनियादी जरूरतों की व्यवस्था।
- सुलभता: यह व्यवस्था हर श्रद्धालु के लिए खुली है और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सरल है।
3. निजी शिविर और तंबू
कुछ निजी संगठन और सेवा संस्थाएं भी मेला क्षेत्र में तंबू और शिविर लगाकर ठहरने की सुविधा प्रदान कर रही हैं।
- सुविधाएं: बेसिक सुविधाओं के साथ किफायती दरों पर उपलब्ध।
- परिवार के लिए उपयुक्त: बड़े समूह या परिवारों के लिए आदर्श।
महाकुंभ की प्रमुख तिथियां और भीड़

- अमृत स्नान पर्व: इन विशेष तिथियों पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे अधिक रहती है।
- महत्वपूर्ण स्नान तिथियां:
- पौष पूर्णिमा: 25 जनवरी 2025
- माघी पूर्णिमा: 24 फरवरी 2025
- महाशिवरात्रि: 26 फरवरी 2025
महाकुंभ की विशेषताएं
- 144 साल का अनूठा संयोग: ज्योतिषीय गणना के आधार पर यह महाकुंभ 144 साल बाद आयोजित हो रहा है।
- आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र: संगम पर स्नान और अखाड़ों के दर्शन का महत्व।
- श्रद्धालुओं की संख्या: अनुमानित 40-45 करोड़ लोगों के आगमन से यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन चुका है।
महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
- अग्रिम बुकिंग करें: होटलों या शिविरों में रुकने के लिए पहले से बुकिंग कर लें।
- महत्वपूर्ण तिथियों पर समय से पहुंचे: स्नान पर्वों के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए जल्दी पहुंचने की योजना बनाएं।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखें: ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े साथ रखें और आवश्यक दस्तावेज साथ लाना न भूलें।
महाकुंभ 2025: संगम नगरी की अद्भुत छवि
प्रयागराज का यह महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भव्य प्रदर्शन भी है। यह अवसर श्रद्धालुओं के लिए जीवन में एक बार मिलने वाले अद्भुत अनुभवों में से एक है।
महाकुंभ से जुड़ी हर लेटेस्ट अपडेट के लिए पढ़ते रहें ZEE UP-UK और जानें प्रयागराज से हर खबर सबसे पहले।
महाकुंभ 2025 से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. महाकुंभ 2025 कब से शुरू हुआ है?
महाकुंभ 2025 का शुभारंभ जनवरी 2025 में हुआ है और यह 26 फरवरी 2025 तक चलेगा।
2. महाकुंभ 2025 का आयोजन कहां हो रहा है?
महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर हो रहा है।
3. इस बार महाकुंभ में कितने श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है?
महाकुंभ 2025 में 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है।
4. महाकुंभ में ठहरने की क्या व्यवस्था है?
- होटल और धर्मशालाएं: महाकुंभ के आसपास के इलाके में लग्जरी होटल, धर्मशालाएं और पेइंग गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।
- मेला क्षेत्र में शिविर: साधु-संतों और तीर्थ पुरोहितों के शिविर में ठहरने की व्यवस्था।
- सरकारी आश्रय स्थल: ₹100 प्रति रात के शुल्क पर 20,000 से अधिक श्रद्धालुओं के लिए सरकारी शिविर।
5. महाकुंभ 2025 की प्रमुख स्नान तिथियां कौन-सी हैं?
- पौष पूर्णिमा: 25 जनवरी 2025
- माघी पूर्णिमा: 24 फरवरी 2025
- महाशिवरात्रि: 26 फरवरी 2025
6. मेला क्षेत्र में ठहरने के लिए कैसे संपर्क करें?
- साधु-संतों के शिविर में ठहरने के लिए संबंधित आश्रम से संपर्क करें।
- सरकारी आश्रय स्थलों की जानकारी के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
7. क्या मेला क्षेत्र में सुरक्षा की व्यवस्था है?
जी हां, मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं।
- सीसीटीवी कैमरे और पुलिस बल तैनात हैं।
- हेल्प डेस्क और कंट्रोल रूम हर समय सक्रिय रहते हैं।
8. महाकुंभ के दौरान कैसे पहुंचें?
- रेलवे: प्रयागराज जंक्शन और अन्य नजदीकी रेलवे स्टेशन तक विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
- सड़क मार्ग: राज्य परिवहन बसें और निजी वाहन की सुविधा उपलब्ध है।
- हवाई मार्ग: प्रयागराज हवाई अड्डा नजदीकी एयरपोर्ट है।
9. संगम में स्नान का क्या महत्व है?
संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक पुण्यदायक माना गया है।
10. महाकुंभ की जानकारी कहां से प्राप्त करें?
महाकुंभ 2025 से जुड़ी हर जानकारी के लिए आप प्रयागराज मेला प्राधिकरण की वेबसाइट, स्थानीय प्रशासन और ज़ी न्यूज़ जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपडेट्स पा सकते हैं।
महाकुंभ 2025 से जुड़ी हर ताजा जानकारी के लिए जुड़े रहें और इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनें।
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