Published by :- Roshan Soni
Updated on: Monday,13 Jan 2025
पोंगल दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है, जिसे हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार फसल कटाई के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। 2025 में पोंगल का उत्सव 13 जनवरी से 16 जनवरी तक मनाया जाएगा। इस दौरान चार दिवसीय त्योहार की शुरुआत भोगी पोंगल से होगी और इसका समापन काणुम पोंगल पर होगा।
Contents
- 1 पोंगल का महत्व और परंपराएं
- 1.1 पोंगल व्रत और सही समय
- 1.1.1 पोंगल 2025 का पूरा कार्यक्रम
- 1.1.2 भूलें जो नहीं करनी चाहिए
- 1.1.3 पोंगल क्यों है खास?
- 1.1.4 1. पोंगल 2025 कब मनाया जाएगा?
- 1.1.5 2. पोंगल का मुख्य दिन कौन सा है?
- 1.1.6 3. पोंगल का क्या अर्थ है?
- 1.1.7 4. पोंगल कितने दिन का त्योहार है?
- 1.1.8 5. पोंगल पकाने का शुभ समय क्या है?
- 1.1.9 6. भोगी पोंगल का क्या महत्व है?
- 1.1.10 7. मट्टू पोंगल क्यों मनाया जाता है?
- 1.1.11 8. काणुम पोंगल का क्या उद्देश्य है?
- 1.1.12 9. पोंगल त्योहार में कौन-कौन से पकवान बनाए जाते हैं?
- 1.1.13 10. पोंगल किस देवता को समर्पित है?
- 1.1.14 11. पोंगल किन राज्यों में प्रमुखता से मनाया जाता है?
- 1.1.15 12. क्या पोंगल केवल किसानों का त्योहार है?
- 1.1.16 13. पोंगल का पारंपरिक महत्व क्या है?
- 1.1.17 14. पोंगल क्यों मनाया जाता है?
- 1.1.18 15. क्या पोंगल का संबंध ज्योतिष से है?
- 1.1.19 Related
- 1.1 पोंगल व्रत और सही समय
पोंगल का महत्व और परंपराएं

पोंगल का अर्थ है “उबालना” या “उफान लेना।” इसे समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस दिन नई फसल के चावल, गुड़, दूध और घी से विशेष पकवान तैयार किया जाता है, जिसे पोंगल कहा जाता है। यह त्योहार देवताओं को धन्यवाद देने और आने वाले वर्ष में खुशहाली की कामना के साथ मनाया जाता है।
पोंगल व्रत और सही समय

पोंगल का सही समय बहुत महत्वपूर्ण है। पोंगल पकाने का शुभ मुहूर्त ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर तय किया जाता है।
- शुभ समय: सुबह सूर्योदय के तुरंत बाद।
- अशुभ समय: दोपहर और संध्या के बीच का समय, जब सूर्य की स्थिति कमजोर मानी जाती है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अशुभ समय में पोंगल पकाने से लाभ की जगह हानि हो सकती है।
पोंगल 2025 का पूरा कार्यक्रम

- भोगी पोंगल (13 जनवरी): पुराने सामानों को त्यागने और नए की शुरुआत का दिन।
- थाई पोंगल (14 जनवरी): सूर्य देवता को समर्पित मुख्य दिन।
- मट्टू पोंगल (15 जनवरी): पशुओं की पूजा और धन्यवाद का दिन।
- काणुम पोंगल (16 जनवरी): परिवार और रिश्तों को मजबूत करने का दिन।
भूलें जो नहीं करनी चाहिए
- पोंगल पकाते समय अशुद्ध स्थान का उपयोग न करें।
- सही समय और विधि का पालन करें।
- पोंगल पकाने के दौरान अपशब्दों और नकारात्मक विचारों से बचें।
पोंगल क्यों है खास?
यह त्योहार न केवल कृषि की महिमा को दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी सहेजता है। पोंगल के दौरान परिवार और समाज के लोग एकजुट होकर खुशियां मनाते हैं।
पोंगल 2025 से जुड़ी सभी नई जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहें। पोंगल के इस शुभ अवसर पर अपने परिवार और प्रियजनों के साथ खुशी मनाएं और समृद्धि की कामना करें।
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पोंगल 2025 से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. पोंगल 2025 कब मनाया जाएगा?
पोंगल 2025 का त्योहार 13 जनवरी से 16 जनवरी तक मनाया जाएगा।
2. पोंगल का मुख्य दिन कौन सा है?
पोंगल का मुख्य दिन थाई पोंगल (14 जनवरी) है, जो सूर्य देवता को समर्पित होता है।
3. पोंगल का क्या अर्थ है?
पोंगल का अर्थ है “उबालना” या “उफान लेना।” यह त्योहार समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।
4. पोंगल कितने दिन का त्योहार है?
पोंगल चार दिनों का त्योहार है:
- भोगी पोंगल (13 जनवरी)
- थाई पोंगल (14 जनवरी)
- मट्टू पोंगल (15 जनवरी)
- काणुम पोंगल (16 जनवरी)
5. पोंगल पकाने का शुभ समय क्या है?
पोंगल पकाने का शुभ समय सूर्योदय के तुरंत बाद है। अशुभ समय में पोंगल पकाने से बचें।
6. भोगी पोंगल का क्या महत्व है?
भोगी पोंगल पुराने सामान और नकारात्मकता को त्यागने का दिन है। इस दिन घर की सफाई और नए की शुरुआत की जाती है।
7. मट्टू पोंगल क्यों मनाया जाता है?
मट्टू पोंगल पशुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन गायों और बैलों को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है।
8. काणुम पोंगल का क्या उद्देश्य है?
काणुम पोंगल परिवार और रिश्तों को मजबूत करने का दिन है। लोग अपने प्रियजनों से मिलते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।
9. पोंगल त्योहार में कौन-कौन से पकवान बनाए जाते हैं?
पोंगल त्योहार में मुख्य रूप से मीठा पोंगल, वेन पोंगल (नमकीन पोंगल) और अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं।
10. पोंगल किस देवता को समर्पित है?
पोंगल मुख्य रूप से सूर्य देवता को समर्पित है, जो फसल के लिए ऊर्जा और जीवन प्रदान करते हैं।
11. पोंगल किन राज्यों में प्रमुखता से मनाया जाता है?
पोंगल मुख्य रूप से तमिलनाडु, पुडुचेरी, और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों में मनाया जाता है।
12. क्या पोंगल केवल किसानों का त्योहार है?
नहीं, पोंगल सभी वर्गों के लोगों द्वारा मनाया जाता है, लेकिन इसका विशेष महत्व किसानों के लिए है।
13. पोंगल का पारंपरिक महत्व क्या है?
पोंगल फसल कटाई का त्योहार है, जिसमें लोग प्रकृति, देवताओं, और पशुओं का आभार व्यक्त करते हैं।
14. पोंगल क्यों मनाया जाता है?
पोंगल समृद्धि, खुशहाली और फसल की अच्छी उपज का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
15. क्या पोंगल का संबंध ज्योतिष से है?
हां, पोंगल का समय सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ जुड़ा होता है, जिसे मकर संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है।
पोंगल से जुड़ी सभी जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें और इस त्योहार को खुशी और उमंग के साथ मनाएं!
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