पतंग उड़ाने से हम सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में आते हैं, जिससे हमारा शरीर विटामिन डी प्राप्त करता है।

पतंग उड़ाने को आनंद और खुशी का प्रतीक माना जाता है। यह परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का एक शानदार तरीका है।

प्राचीन काल में मकर संक्रांति के अवसर पर पतंग उड़ाना त्योहार का हिस्सा बन गया, क्योंकि यह एकता और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक था।

कर संक्रांति पर पतंग उड़ाने को भगवान विष्णु की कृपा पाने का एक तरीका माना जाता है।

गुजरात में मकर संक्रांति पर अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव (International Kite Festival) का आयोजन किया जाता है।

इसमें देश-विदेश से लोग शामिल होते हैं और अपने अनोखे पतंगों के साथ इस उत्सव का आनंद लेते हैं।

हालांकि पतंगबाजी का यह त्योहार बेहद रोमांचक होता है, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे पक्षियों को नुकसान न पहुंचे।

पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बायोडिग्रेडेबल धागों और पक्षी-अनुकूल पतंगों का उपयोग करना चाहिए।

मकर संक्रांति पर पतंगबाजी न केवल आनंद और उत्सव का प्रतीक है,

यह त्योहार हमें प्रकृति के करीब लाने और सामूहिकता का महत्व सिखाने का एक सुंदर माध्यम है।