Published by: Roshan Soni
Updated on: Sunday, 05 jan 2025
बिहार में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। शीतलहर और घने कोहरे के कारण लोग परेशान हैं, और इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों और शिक्षकों पर पड़ा है। राज्य के कई जिलों से स्कूली छात्राओं और शिक्षकों के बेहोश होने की खबरें सामने आ रही हैं। शेखपुरा, नालंदा, सारण और भभुआ जिलों में कई स्कूलों में ऐसी घटनाएं देखने को मिलीं।
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शेखपुरा और नालंदा में 16 छात्राएं और एक शिक्षिका बेहोश

शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय कुटौत में एक दौड़ प्रतियोगिता के दौरान 12 छात्राएं और एक शिक्षिका शीतलहर के कारण बेहोश हो गईं। सभी को तत्काल बरबीघा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। नालंदा जिले के एकंगरसराय के उच्च माध्यमिक विद्यालय जमुआवा में मशाल प्रतियोगिता के दौरान चार छात्राएं बेहोश हो गईं। इन छात्राओं का इलाज एकंगरसराय अस्पताल में चल रहा है।
सारण में 12 छात्राएं हुईं बेहोश

सारण जिले के मांझी प्रखंड क्षेत्र के कलान उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मशाल प्रतियोगिता के दौरान दौड़ रही 12 छात्राएं अचानक बेहोश हो गईं। घटना के तुरंत बाद शिक्षकों ने चिकित्सा सुविधा का इंतजाम किया और पीड़ित छात्राओं का उपचार शुरू किया। इनमें से 11 छात्राओं को स्वास्थ्य में सुधार के बाद घर भेज दिया गया, जबकि एक छात्रा का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकमा में चल रहा है।
भभुआ में पांच छात्राओं की तबीयत बिगड़ी

भभुआ के मोकरी उर्दू मध्य विद्यालय में खेल प्रतियोगिता के दौरान पांच छात्राओं की तबीयत अचानक खराब हो गई। छठी कक्षा की इन छात्राओं को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
ठंड और कोहरे का व्यापक असर

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राज्य के उत्तर-पूर्वी भागों में घने कोहरे और शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी। दक्षिण और उत्तर-मध्य भागों में भी घने कोहरे की संभावना है। सुबह के समय घना कोहरा छाने और ठंडी हवाओं के कारण स्थिति और गंभीर हो सकती है।
प्रशासन और स्कूलों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
- स्कूल प्रबंधन: शीतलहर के दौरान आउटडोर गतिविधियों और खेल प्रतियोगिताओं को स्थगित करें।
- स्वास्थ्य सुविधाएं: स्कूलों में प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
- अभिभावकों की भूमिका: बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर स्कूल भेजें और उन्हें पर्याप्त पोषण दें।
- सरकार की जिम्मेदारी: जरूरतमंदों के लिए अस्थायी स्वास्थ्य शिविर लगाएं और स्कूलों में छुट्टी की अवधि बढ़ाने पर विचार करें।
निष्कर्ष
बिहार में ठंड ने बच्चों और शिक्षकों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रशासन, स्कूल प्रबंधन, और अभिभावकों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे ठंड से बचाव के उपाय सुनिश्चित करें। ठंड का यह कहर सभी के लिए सतर्कता और सावधानी बरतने की एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।
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