Published by: Roshan Soni
Updated on: Friday, 03 jan 2025
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Introductionपरिचय
डॉ भावना कुमारी बनीं लेफ्टिनेंट और डॉ नीता सिन्हा को दी विदाई :- रांची शहर के आरएलएसवाइ कॉलेज और रांची विश्वविद्यालय में 28 दिसंबर 2024 का दिन ऐतिहासिक रहा। इस दिन दो महत्वपूर्ण घटनाओं ने शिक्षा और नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। पहली घटना आरएलएसवाइ कॉलेज की डॉ भावना कुमारी को लेफ्टिनेंट रैंक प्राप्त होना है, जबकि दूसरी घटना रांची विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग की डॉ नीता सिन्हा की सेवानिवृत्ति से जुड़ी है।
डॉ भावना कुमारी को मिला लेफ्टिनेंट रैंक

आरएलएसवाइ कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्ष और एनसीसी की इंचार्ज डॉ भावना कुमारी ने अपने कड़ी मेहनत और समर्पण से एनसीसी ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, ग्वालियर में 90 दिनों की कठोर ट्रेनिंग पूरी की। इसके बाद, उन्हें लेफ्टिनेंट रैंक से सम्मानित किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल पदम सिंह शेखावत (एवीएसएम), जनरल ऑफिसर कमांडिंग मध्य भारत ने उन्हें यह रैंक प्रदान किया। यह न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे कॉलेज और रांची के लिए गर्व का विषय है।
सम्मान समारोह
डॉ भावना की इस उपलब्धि को कॉलेज प्रबंधन और छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ मनाया। गुरुवार को कॉलेज के प्राचार्य डॉ विष्णु चरण महतो ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया। इस अवसर पर दर्शनशास्त्र विभाग के अन्य सदस्यों, प्रधान लिपिक सुनील कुमार और 80 एनसीसी कैडेट्स ने भी भाग लिया।
यह उपलब्धि छात्रों और महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है, जो दिखाती है कि दृढ़ निश्चय और मेहनत से हर मंजिल को पाया जा सकता है।
डॉ नीता सिन्हा को विदाई
रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर केमिस्ट्री विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नीता सिन्हा ने 2008 में अपने शिक्षण करियर की शुरुआत की थी। अपने 16 वर्षों के लंबे कार्यकाल में, उन्होंने छात्रों के शैक्षिक विकास और विभाग की बेहतरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सेवानिवृत्ति और विदाई समारोह

गुरुवार को केमिस्ट्री विभाग ने डॉ नीता सिन्हा के सम्मान में विदाई समारोह आयोजित किया। इस समारोह में विभाग के प्रमुख सदस्यों जैसे डॉ स्मृति सिंह, डॉ नीरज, डॉ नीलम, और डॉ गुरुचरण साहु ने भाग लिया। साथ ही, डॉ सिन्हा के पति पुष्कर सहाय को भी सम्मानित किया गया।
डॉ सिन्हा ने 2022 में विभाग में स्थानांतरित होकर योगदान दिया था। उनके समर्पण और शिक्षण शैली को सभी ने सराहा।
निष्कर्ष
रांची का शिक्षा जगत डॉ भावना कुमारी और डॉ नीता सिन्हा जैसी महिलाओं के योगदान से प्रेरित होता रहेगा। जहां डॉ भावना ने अपने साहस और नेतृत्व क्षमता से नया इतिहास रचा, वहीं डॉ नीता ने अपने ज्ञान और अनुभव से छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार किया।
रांची के इन प्रेरणादायक उदाहरणों से स्पष्ट है कि शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान देने वालों को हमेशा याद रखा जाएगा।
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