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सीजीएल परीक्षा-2024 रद्द कराने की मांग: प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, जेएसएससी मुख्यालय बना रणक्षेत्र
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सीजीएल परीक्षा-2024 रद्द कराने की मांग: प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, जेएसएससी मुख्यालय बना रणक्षेत्र

Published by: Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 17 Dec 2024

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) मुख्यालय पर सीजीएल परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर संघर्ष हुआ।

झारखंड में सीजीएल परीक्षा-2023 को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के नामकुम मुख्यालय पर सीजीएल परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने घेराव किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई अभ्यर्थी घायल हो गए और कई को हिरासत में लिया गया। इस घटना के बाद इलाके में दो घंटे तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।

इस ब्लॉग में जानिए इस प्रदर्शन, लाठीचार्ज और पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी।


प्रदर्शन का मुख्य कारण क्या है?

सीजीएल परीक्षा-2023 रद्द कराने की मांग: प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, जेएसएससी मुख्यालय बना रणक्षेत्र
सीजीएल परीक्षा-2023 रद्द कराने की मांग: प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, जेएसएससी मुख्यालय बना रणक्षेत्र

सीजीएल परीक्षा-2023 को लेकर अभ्यर्थी परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और इसे तत्काल रद्द कर नई तिथि पर आयोजित किया जाए।

प्रमुख मांगें:

  1. सीजीएल परीक्षा-2023 को रद्द किया जाए।
  2. परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए।
  3. परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की शिकायतों की जांच कर उचित कार्रवाई हो।

जेएलकेएम नेता देवेंद्रनाथ महतो का नेतृत्व

सोमवार सुबह 10:30 बजे से ही जेएलकेएम के कार्यकर्ता और सीजीएल परीक्षा के अभ्यर्थी जेएसएससी मुख्यालय के पास जुटने लगे थे। दोपहर 12:00 बजे तक प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जमा हो गए।

जेएलकेएम नेता देवेंद्रनाथ महतो के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने नारेबाजी शुरू की और मुख्यालय की ओर बढ़ने का प्रयास किया। लेकिन पहले से तैनात पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद स्थिति बिगड़ने लगी।


पुलिस का लाठीचार्ज और हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए।
             पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए।

 

दोपहर 12:30 बजे जब प्रदर्शनकारी जेएसएससी मुख्यालय की ओर बढ़ने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया।

  1. लाठीचार्ज:
    पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए।
  2. हिरासत:
    जेएलकेएम नेता देवेंद्रनाथ महतो को दोपहर 1:25 बजे हिरासत में ले लिया गया। उन्हें पुलिस ने घसीटते हुए डीएसपी की जीप में बैठाया और वहां से रवाना हो गई।
  3. छात्रों का पीछा:
    लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने गलियों में छिपे प्रदर्शनकारियों को भी खदेड़कर बाहर निकाला और हिरासत में ले लिया।

नामकुम में माहौल क्यों तनावपूर्ण हो गया?

प्रदर्शन के दौरान नामकुम स्थित जेएसएससी मुख्यालय के आसपास का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।

  • पुलिस ने सदाबहार चौक के पास सड़क को बैरिकेडिंग कर पूरी तरह सील कर दिया।
  • इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
  • सुरक्षा व्यवस्था का नेतृत्व ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल कर रहे थे।

नामकुम बाजार में जमा हुए प्रदर्शनकारी

पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के बाद कुछ प्रदर्शनकारी नामकुम बाजार की ओर चले गए। सूचना मिलते ही रैपिड एक्शन पुलिस और जिला पुलिस के जवान हेलमेट और गार्ड के साथ वहां पहुंचे।

  • वाटर कैनन भी मंगाई गई थी ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके।
  • पुलिस को आते देख प्रदर्शनकारी वहां से हट गए।

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तकरार का असर

  1. प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज:
    पुलिस की कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए, हालांकि सटीक संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है।
  2. जेएलकेएम का विरोध:
    जेएलकेएम नेता देवेंद्रनाथ महतो की पिटाई और गिरफ्तारी को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और छात्र संघों ने नाराजगी जताई है।
  3. आम नागरिकों पर असर:
    सुरक्षा कारणों से आमलोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए आने वाले अभ्यर्थियों की कड़ी जांच की गई।

क्या होगा आगे का कदम?

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे विरोध जारी रखेंगे। वहीं, पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

संभावित परिणाम:

  1. जांच की मांग: प्रदर्शनकारियों की शिकायतों की जांच के लिए विशेष कमेटी का गठन हो सकता है।
  2. सीजीएल परीक्षा रद्द: यदि गड़बड़ी के पुख्ता सबूत मिले, तो परीक्षा रद्द हो सकती है।
  3. प्रदर्शन जारी: अभ्यर्थियों का प्रदर्शन अन्य जिलों तक भी फैल सकता है।

निष्कर्ष

सीजीएल परीक्षा-2023 को लेकर झारखंड में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। अभ्यर्थियों का आक्रोश और पुलिस की सख्त कार्रवाई ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।

जहां एक ओर प्रदर्शनकारी परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं, वहीं पुलिस और प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में सरकार और आयोग का रुख क्या होगा, यह देखना अहम होगा।

क्या सीजीएल परीक्षा रद्द की जाएगी? इस विरोध प्रदर्शन का भविष्य क्या होगा? आपकी राय क्या है? हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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