मुंबई बेस्ट बस दुर्घटना: अफरीन शाह और अन्य पीड़ितों की कहानी, ड्राइवर की चूक और प्रशासन की प्रतिक्रिया
Published by: Roshan Soni
Updated on: Wednesday,11 Dec 2024
मुंबई में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की एक बस सोमवार रात कुर्ला (पश्चिम) के एसजी बर्वे मार्ग पर अनियंत्रित होकर कई वाहनों और पैदल यात्रियों से टकरा गई। इस दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए।
इस त्रासदी ने न केवल पीड़ितों के परिवारों को गहरा आघात दिया, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या सार्वजनिक परिवहन के लिए पर्याप्त सुरक्षा मानक अपनाए जा रहे हैं।
दुर्घटना का विवरण और ड्राइवर का बयान
इस घटना का मुख्य आरोपी बस चालक संजय मोरे है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मोरे ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिक बस के संचालन में असहज महसूस कर रहा था। उन्होंने पहले केवल मैन्युअल ट्रांसमिशन वाली बसें चलाई थीं।
1 दिसंबर को नई इलेक्ट्रिक बस सौंपे जाने के बाद वह पूरी तरह से इसके कामकाज को समझ नहीं पाए। उन्होंने कहा,
“ऑटोमैटिक वाहन में क्लच की कमी के कारण मैं भ्रमित हो गया और नियंत्रण खो बैठा।”
पीड़ितों की दर्दनाक कहानी
1. अफरीन शाह:
इस घटना में जान गंवाने वालों में 22 वर्षीय अफरीन शाह का नाम प्रमुख है, जिन्होंने उसी दिन अपनी पहली नौकरी शुरू की थी।
- हादसे के वक्त वह रिक्शा नहीं मिलने पर पैदल चलकर घर जा रही थीं।
- उनके पिता, अब्दुल सलीम, ने उन्हें कुर्ला स्टेशन तक पैदल जाने का सुझाव दिया था।
- कुछ देर बाद सलीम को एक फोन आया, जिसमें अस्पताल पहुंचने के लिए कहा गया। वहां उन्होंने अपनी बेटी का शव देखा।
2. कनीस अंसारी:
कनीस एक नर्स थीं, जो अस्पताल से घर लौट रही थीं। उन्हें मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया।
3. अन्य पीड़ित:
अनम शेख, शिवम कश्यप, विजय गायकवाड़ और फारुक चौधरी भी इस दुर्घटना में अपनी जान गंवा बैठे।
बेस्ट प्रशासन और न्यायिक कार्रवाई
घटना के बाद, बेस्ट ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की और एक समिति गठित की है।
- पुलिस ने संजय मोरे पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।
- मुंबई की अदालत ने मोरे को 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
प्रशासन की जिम्मेदारी और सुरक्षा उपाय
यह हादसा कई सवाल खड़े करता है:
- बस ड्राइवरों का अपर्याप्त प्रशिक्षण:
मोरे के बयान से साफ है कि उन्हें ऑटोमैटिक बस चलाने का पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिला था। यह बेस्ट प्रशासन की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। - वाहन तकनीक के प्रति जागरूकता:
इलेक्ट्रिक और ऑटोमैटिक बसों का सही प्रशिक्षण देना अत्यंत आवश्यक है। यदि ड्राइवर को तकनीकी असुविधा थी, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए थी।
स्थानीय जनता का गुस्सा
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बेस्ट प्रशासन और नगर निगम की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाए।
“यह घटना साबित करती है कि बेस्ट और अन्य परिवहन प्राधिकरण यात्रियों की सुरक्षा के प्रति लापरवाह हैं। ड्राइवर को पर्याप्त प्रशिक्षण क्यों नहीं दिया गया?” – एक स्थानीय निवासी।
भविष्य के लिए कदम
- ड्राइवर प्रशिक्षण:
सभी ड्राइवरों को ऑटोमैटिक और इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन में प्रशिक्षित करना चाहिए। - वाहन निरीक्षण:
बसों की नियमित तकनीकी जांच की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि ड्राइवर वाहन से पूरी तरह परिचित हो। - सुरक्षा उपाय:
दुर्घटनाओं से बचने के लिए एडवांस ब्रेकिंग सिस्टम और ड्राइवर-अलर्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए। - जनता के लिए जागरूकता अभियान:
यात्रियों और स्थानीय नागरिकों को सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करना भी आवश्यक है।
निष्कर्ष
मुंबई बेस्ट बस दुर्घटना ने एक बार फिर सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा की खामियों को उजागर किया है। अफरीन शाह और अन्य पीड़ितों की दर्दनाक मौत एक बड़ा सबक है। प्रशासन को इन त्रासदियों से सबक लेकर तत्काल कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
हम सबकी जिम्मेदारी है कि सड़क पर सुरक्षा के नियमों का पालन करें और प्रशासन को जवाबदेह बनाएं।
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