बोकारो न्यूज़: डिजिटल ठगी का नया जाल, सतर्कता से बचा सीआईएसएफ जवान
Published by: Roshan Soni
Updated on: Sanday, 9 Dec 2024
डिजिटल युग में साइबर अपराधियों ने ठगी के नए-नए तरीके ईजाद कर लिए हैं। बोकारो में हाल ही में घटी घटना से यह स्पष्ट होता है कि साइबर ठग अब अधिक चतुर और पेशेवर हो गए हैं। न ओटीपी की मांग, न बैंक डिटेल्स, बल्कि वे खाकी वर्दी पहनकर वीडियो कॉल के जरिए लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर पैसा वसूलने की कोशिश कर रहे हैं।
शनिवार को सेक्टर तीन में रहने वाले एक सीआईएसएफ जवान ने सतर्कता दिखाते हुए एक ऐसे ही ठग के जाल में फंसने से खुद को बचा लिया।
कैसे हुआ यह साइबर हमला?
सीआईएसएफ जवान के अनुसार, उसे एक वीडियो कॉल आया जिसमें साइबर ठग ने खाकी वर्दी पहन रखी थी। ठग ने बड़ी चतुराई से बताया कि जवान के नाम पर तीन सिम कार्ड पंजीकृत हैं, जिनमें से एक का उपयोग दिल्ली में महिलाओं के साथ अनुचित बातचीत के लिए किया जा रहा है। इसके आधार पर उसके खिलाफ क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज कर उसे “डिजिटल अरेस्ट” कर लिया गया है।
ठग ने यह भी चेतावनी दी कि बातचीत के दौरान किसी और को पास न आने दें और इधर-उधर न देखें, वरना पुलिस को भेजकर तुरंत गिरफ्तार करा दिया जाएगा। जवान पहले तो घबरा गया, लेकिन थोड़ी समझदारी दिखाते हुए सच्चाई का पता लगाने के लिए समय मांगा।
जवान की सतर्कता ने बचाई बड़ी रकम
जवान ने तुरंत अपने सिम कार्ड की जांच की और पाया कि उसके नाम पर केवल दो सिम कार्ड पंजीकृत हैं, जो दोनों उसके पास हैं। ठग द्वारा बताए गए नंबर का कोई संबंध उससे नहीं था। इसके बाद जवान ने बीएस सिटी थाना इंस्पेक्टर और साइबर एक्सपर्ट सुदामा कुमार दास से संपर्क किया। उनकी सलाह पर कार्रवाई करते हुए, जवान ठगी का शिकार होने से बच गया।
साइबर अपराधियों के शिकार बनने वाले अन्य मामले
पुलिस अधिकारी की पत्नी को ठगने की कोशिश
कुछ दिन पहले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की पत्नी को ठगने की कोशिश की गई। अपराधी ने उन्हें बताया कि उन्होंने लॉटरी के तहत 6,500 रुपये जीते हैं और पैसे प्राप्त करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने को कहा।
महिला ने लिंक पर क्लिक कर दिया और एक स्कैनर सामने आया। ठग ने स्कैनर को ओके करने को कहा, लेकिन महिला ने तुरंत सतर्कता दिखाई और घटना की जानकारी अपने पुलिस अधिकारी पति को दी। इस सूझबूझ के कारण महिला ठगी का शिकार होने से बच गई।
साइबर अपराधियों की नई रणनीति: डिजिटल अरेस्ट
बीएस सिटी थाना, बोकारो के इंस्पेक्टर और साइबर एक्सपर्ट सुदामा कुमार दास के अनुसार, साइबर अपराधी अब ठगी के लिए “डिजिटल अरेस्ट” का तरीका अपना रहे हैं। वे वीडियो कॉल के जरिए पुलिस का भय दिखाकर लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। इसके बाद उनसे मनमानी रकम वसूलने की कोशिश की जाती है।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
साइबर एक्सपर्ट सुदामा कुमार दास ने मोबाइल उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहने की सलाह दी है। ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
- अज्ञात कॉल्स और वीडियो कॉल्स से सतर्क रहें:
किसी भी अनजान नंबर से आए वीडियो कॉल या संदिग्ध कॉल को जवाब न दें। - डिजिटल अरेस्ट के नाम से न घबराएं:
साइबर ठगों के झांसे में न आएं। किसी भी तरह के दबाव में कोई भुगतान न करें। - पुलिस से तुरंत संपर्क करें:
किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर सेल को दें। - लिंक्स और अनजान ऐप्स पर क्लिक न करें:
किसी भी संदिग्ध लिंक या अनजान ऐप पर क्लिक करने से बचें, भले ही वह कितना भी आकर्षक क्यों न लगे। - अपनी निजी जानकारी गोपनीय रखें:
अपनी बैंक डिटेल्स, ओटीपी, या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
साइबर ठगी के बढ़ते मामले: समाज के लिए चुनौती
बोकारो समेत पूरे देश में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी अब अधिक पेशेवर हो गए हैं और तकनीकी उपकरणों का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह आम लोगों और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
डिजिटल सुरक्षा का महत्व
डिजिटल युग में सुरक्षा के लिए सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। सरकार और साइबर सुरक्षा एजेंसियां लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर अभियान चला रही हैं।
बोकारो की घटना यह संदेश देती है कि सतर्कता और सूझबूझ से साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बचा जा सकता है। हमें इस डिजिटल युग में सावधानी से अपनी तकनीकी पहचान और जानकारी को सुरक्षित रखना चाहिए।
निष्कर्ष
सीआईएसएफ जवान और पुलिस अधिकारी की पत्नी द्वारा दिखाए गए साहस और सतर्कता से यह स्पष्ट है कि जागरूकता ही साइबर ठगी का सबसे बड़ा हथियार है। यदि हम सभी सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें, तो साइबर अपराधियों के मंसूबों को नाकाम किया जा सकता है।
टिप्पणी: यह लेख साइबर सुरक्षा के महत्व और ठगी से बचने के तरीकों पर जोर देता है। इसे पढ़कर पाठक न केवल सतर्क हो सकते हैं बल्कि अपने परिवार और दोस्तों को भी साइबर अपराधों के प्रति जागरूक कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें :-
1 COMMENTS