Published by: Roshan Soni
Updated on: Thursday , 14 Nov 2024
Introduction:
धनबाद में छठ पर्व के दौरान दो अलग-अलग घटनाओं ने लोगों को झकझोर दिया। पहली घटना में एक युवती ने छठ घाट जाने से मना करने पर आत्महत्या कर ली, जबकि दूसरी घटना में मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रही महिला ने जहर खा लिया। दोनों घटनाएं समाज को सोचने पर मजबूर करती हैं कि ऐसी स्थिति क्यों पैदा होती है।
First Incident: छठ घाट ना जाने देने पर युवती की आत्महत्या
बैंकमोड़ थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर निवासी सुखलाल मुर्मू की बेटी काजल कुमारी ने 7 नवंबर को छठ घाट जाने से मना करने पर आत्महत्या का कदम उठाया।
- घटना का विवरण:
काजल अपनी मां के साथ छठ घाट जाना चाहती थी, लेकिन परिवार ने उसे घर पर छोड़ दिया। जब परिजन लौटे, तो काजल ने अपनी मां से झगड़ा किया और बाद में कमरे में फांसी लगा ली। - इलाज और मृत्यु:
उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान एसएनएमएमसीएच में उसकी मौत हो गई।
Second Incident: मानसिक स्थिति खराब होने पर महिला ने खाया जहर
तेतुलमारी थाना क्षेत्र में 8 नवंबर को बेबी देवी ने जहर खा लिया।
- घटना का विवरण:
बेबी देवी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। जहर खाने के बाद उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। - परिवार का बयान:
उसके भाई ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य समस्या के कारण यह घटना घटी।
क्या कहते हैं ये घटनाएं?
इन घटनाओं से कई महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं:
- मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता:
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं अक्सर अनदेखी की जाती हैं, जिससे दुखद घटनाएं होती हैं। - समाज का दबाव और पारिवारिक तनाव:
त्योहारों के दौरान परिवारों में छोटे-छोटे विवाद बड़े निर्णयों का कारण बन सकते हैं। - सामाजिक जिम्मेदारी:
समाज को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी व्यक्ति को अकेलेपन या तनाव में न छोड़ें।
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