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भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद: साइबर सुरक्षा पर आरोप और बढ़ता तनाव
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भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद: साइबर सुरक्षा पर आरोप और बढ़ता तनाव

Published by: Roshan Soni
Updated on: Sunday, 03 Nov 2024

परिचय

भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद संबंध पिछले कुछ वर्षों में तनावपूर्ण बने हुए हैं। हाल ही में, कनाडा की साइबर सुरक्षा रिपोर्ट में भारत को “साइबर खतरा” घोषित किया गया है, जिसने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। रिपोर्ट में भारत को “राज्य-विरोधी” देशों की श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। इस ब्लॉग में हम इस विवाद का गहराई से विश्लेषण करेंगे, इसके प्रमुख कारणों, आरोपों और दोनों देशों के बीच संबंधों पर इसके प्रभाव को समझेंगे।

भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद: साइबर सुरक्षा पर आरोप और बढ़ता तनाव
भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद:

कनाडा की साइबर सुरक्षा रिपोर्ट: मुख्य बिंदु

कनाडा की राष्ट्रीय साइबर खतरा आकलन 2025-2026 रिपोर्ट में भारत पर आरोप लगाया गया है कि वह कथित रूप से कनाडा के खिलाफ साइबर हमले और जासूसी की गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। यह पहली बार है जब भारत को इस सूची में चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ शामिल किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के साथ कनाडा के संबंधों के कारण कनाडा को भारत के साइबर कार्यक्रमों से खतरा है।

रिपोर्ट में भारत पर आरोप है कि वह एक ऐसा साइबर कार्यक्रम विकसित कर रहा है, जो कनाडा के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है। इसके जवाब में भारत ने इसे “बिना किसी सबूत के आरोप” और “बेतुकी” बात करार दिया है और इसे कनाडा की भारत के प्रति नकारात्मक प्रचार की रणनीति का हिस्सा बताया है।

भारत की प्रतिक्रिया: रणधीर जायसवाल का बयान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कनाडा की इस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि कनाडा के वरिष्ठ अधिकारी लगातार भारत के खिलाफ वैश्विक राय को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और कनाडा का यह रवैया दोनों देशों के संबंधों को और खराब कर रहा है। भारत ने इस रिपोर्ट को न केवल खारिज किया, बल्कि इसे “भारत पर हमला करने की रणनीति” के रूप में देखा।

जायसवाल ने कहा, “पहले बिना किसी ठोस सबूत के हमारे खिलाफ आरोप लगाए जाते हैं, और अब साइबर सुरक्षा के नाम पर हमारे ऊपर इस तरह के निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं।”

भारत-कनाडा संबंधों का हालिया इतिहास

भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद: साइबर सुरक्षा पर आरोप और बढ़ता तनाव
भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद:

दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास तब और बढ़ गई जब सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता की संभावना जताई। भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताया और कहा कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों को खुली छूट दी गई है, जो भारत की एकता और संप्रभुता के लिए खतरा हैं।

इसके बाद भारत ने कड़ी कार्रवाई करते हुए छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा सहित अन्य “लक्षित” अधिकारियों को कनाडा से वापस बुला लिया।

भारत-कनाडा विवाद: साइबर सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर तनाव

भारत का कहना है कि कनाडा अपनी धरती से खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को रोकने में असफल रहा है। कनाडा में खालिस्तान समर्थक संगठन खुलेआम भारत के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, जिससे भारत के लोगों में नाराजगी है। कनाडा का यह आरोप कि भारत साइबर हमले कर रहा है, एक तरह से भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास माना जा रहा है।

भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद: साइबर सुरक्षा पर आरोप और बढ़ता तनाव
भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद:

भारत का कहना है कि इस तरह के आरोपों का मकसद दोनों देशों के संबंधों को बिगाड़ना है और इसके लिए कनाडा को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। भारत के अनुसार, इस तरह के निराधार आरोप भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है।

साइबर सुरक्षा पर भारत का रुख

भारत ने हमेशा से साइबर सुरक्षा पर कड़े कदम उठाए हैं और अपने क्षेत्र में साइबर खतरों से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। हालांकि, भारत ने अपने साइबर कार्यक्रम को कभी किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं इस्तेमाल किया है, जैसा कि कनाडा ने आरोप लगाया है। भारत ने जोर देकर कहा है कि वह एक शांतिपूर्ण देश है और अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की नीति नहीं रखता।

निष्कर्ष

भारत और कनाडा के बीच का यह विवाद दर्शाता है कि साइबर सुरक्षा अब केवल तकनीकी क्षेत्र का मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह कूटनीतिक संबंधों का अहम हिस्सा बनता जा रहा है। कनाडा का यह आरोप और भारत की प्रतिक्रिया दोनों देशों के बीच पहले से ही बिगड़ते संबंधों को और खराब कर सकते हैं।

आगे चलकर यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या दोनों देश इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए प्रयास करेंगे या फिर यह तनाव और बढ़ेगा। फिलहाल, यह विवाद सिर्फ साइबर सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, बल्कि भारत और कनाडा के कूटनीतिक संबंधों की एक जटिल तस्वीर पेश करता है।

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