By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Friday , 30 May 2025
कांग्रेस और शशि थरूर के बीच सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर गहराते मतभेद, सुरजेवाला और जयराम रमेश की प्रतिक्रिया, और थरूर का पलटवार – जानिए इस पूरे राजनीतिक विवाद का हर पहलू हिंदी में।
Contents
- 1 🔷 कांग्रेस बनाम थरूर: मतभेद या सियासी रणनीति?
- 1.1 🔷 थरूर का विवादित बयान क्या था?
- 1.2 🔷 कांग्रेस का जवाब: “थरूर का बयान गलत, लेकिन वह परिवार का हिस्सा हैं”
- 1.3 🔷 थरूर का पलटवार: “मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया”
- 1.4 Related
🔷 कांग्रेस बनाम थरूर: मतभेद या सियासी रणनीति?
कांग्रेस पार्टी इन दिनों एक बार फिर अपने ही वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बयान को लेकर विवादों में घिरी है। हाल ही में थरूर ने 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान दिया, जिसे लेकर पार्टी ने सार्वजनिक रूप से असहमति जताई है। हालांकि, पार्टी ने यह भी साफ किया है कि थरूर कांग्रेस परिवार का अहम हिस्सा हैं। इस पूरे मामले में कई बड़े नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि मामला केवल बयानबाज़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके सियासी मायने भी काफी गहरे हैं।
🔷 थरूर का विवादित बयान क्या था?
शशि थरूर ने हाल ही में एक बयान में कहा कि “2016 से पहले भारत ने कभी नियंत्रण रेखा या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की थी।” उनके इस कथन को सर्जिकल स्ट्राइक पर पहले कदम के रूप में देखा गया, जिससे ऐसा प्रतीत हुआ कि इससे पहले की सरकारें कोई बड़ा एक्शन नहीं लेती थीं।
🔷 कांग्रेस का जवाब: “थरूर का बयान गलत, लेकिन वह परिवार का हिस्सा हैं”
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने थरूर के बयान को “तथ्यात्मक रूप से गलत” करार दिया। उन्होंने यह भी दोहराया कि यूपीए शासनकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन हुए थे, जिनका उल्लेख स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह कर चुके हैं।

सुरजेवाला का यह कहना पार्टी की उस रणनीति का हिस्सा लगता है, जिसमें वह अपने नेताओं के भटकाव को सार्वजनिक रूप से खंडन करके स्पष्टता बनाए रखना चाहती है, लेकिन साथ ही पार्टी में एकता बनाए रखने का भी प्रयास कर रही है।
🔷 थरूर का पलटवार: “मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया”
थरूर ने आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि, “जो लोग मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि मैं केवल आतंकवादी हमलों के प्रतिशोध में की गई कार्रवाइयों की बात कर रहा था, न कि पिछले युद्धों की।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है और कुछ लोग इसे कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
🔷 उदित राज और जयराम रमेश की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता उदित राज ने थरूर पर फिर से हमला करते हुए कहा कि “जो प्रतिनिधिमंडल विदेश जा रहे हैं, वे पार्टी का नाम खराब कर रहे हैं।” वहीं, जयराम रमेश ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उदित राज की पोस्ट को रीपोस्ट कर अप्रत्यक्ष समर्थन दिया।
🔷 पवन खेड़ा का पलटवार: थरूर की ही किताब का हवाला
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने थरूर की किताब The Paradoxical Prime Minister का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें थरूर ने मोदी सरकार पर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया था। इससे यह स्पष्ट हो गया कि थरूर ने पहले भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना की थी।
🔷 यह विवाद क्यों है अहम?
- राजनीतिक छवि की लड़ाई: कांग्रेस एक तरफ भाजपा की सर्जिकल स्ट्राइक नीति पर सवाल उठाती है, वहीं जब उसके अपने नेता भिन्न राय रखते हैं तो पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े होते हैं।
- लोकसभा चुनाव की तैयारी: चुनावी साल में कांग्रेस के लिए यह ज़रूरी है कि वह एक स्पष्ट और संगठित छवि प्रस्तुत करे।
- पार्टी के अंदर मतभेद: यह विवाद कांग्रेस के अंदर मतभेद और गुटबाजी को भी उजागर करता है, जो पार्टी के लिए खतरे की घंटी है।
📊 जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस विवाद को लेकर दो तरह की राय देखने को मिल रही है:
- कुछ लोग थरूर के साहसिक बयान की सराहना कर रहे हैं कि उन्होंने सच्चाई को खुलकर कहा।
- वहीं, कई कांग्रेस समर्थक थरूर की टाइमिंग और मंच पर सवाल उठा रहे हैं।
निष्कर्ष
इस पूरे प्रकरण ने कांग्रेस के भीतर संवाद और सामूहिक दृष्टिकोण की कमी को उजागर कर दिया है। थरूर जैसे वरिष्ठ नेता का बयान यदि पार्टी लाइन से भिन्न होता है, तो उससे न केवल गलतफहमी पैदा होती है, बल्कि विरोधियों को हमले का मौका भी मिलता है। कांग्रेस को यह तय करना होगा कि वह अपने नेताओं को कितनी स्वतंत्रता देती है, और क्या सार्वजनिक रूप से आंतरिक असहमति व्यक्त करना उचित है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: क्या शशि थरूर कांग्रेस छोड़ रहे हैं?
उत्तर: नहीं, थरूर ने स्पष्ट किया है कि वह कांग्रेस का हिस्सा हैं और पार्टी के सिद्धांतों से जुड़े हुए हैं।
Q2: क्या कांग्रेस ने 2016 से पहले सर्जिकल स्ट्राइक की थी?
उत्तर: कांग्रेस का दावा है कि यूपीए शासनकाल में भी भारतीय सेना ने सीमापार ऑपरेशन किए थे, हालांकि उन्हें ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नहीं कहा गया।
Q3: थरूर के बयान से कांग्रेस को नुकसान हुआ है?
उत्तर: पार्टी के भीतर मतभेद सार्वजनिक होने से छवि को धक्का जरूर लगा है, खासकर चुनावी साल में।
Q4: थरूर की किताब में क्या लिखा था?
उत्तर: थरूर की किताब The Paradoxical Prime Minister में 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर मोदी सरकार की नीयत पर सवाल उठाए गए थे।
Q5: क्या कांग्रेस नेता एक मत पर नहीं हैं?
उत्तर: थरूर के बयान और नेताओं की प्रतिक्रियाएं यह दर्शाती हैं कि कांग्रेस के भीतर मतभेद हैं, जिन्हें अभी तक सुलझाया नहीं गया है।
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