By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Mon , 26 May 2025
झारखंड का प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन “श्रावणी मेला” इस बार भी पूरे धूमधाम के साथ आयोजित होने वाला है। देशभर से लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर पहुंचते हैं और कांवर यात्रा के जरिए जल अर्पण करते हैं। इस विशाल आयोजन को सफल बनाने के लिए देवघर नगर निगम और प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

इस बार की शुरुआत सफाई व्यवस्था से हुई है। मेला क्षेत्र और प्रशासनिक शिविरों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। कुल 1150 सफाईकर्मियों की आवश्यकता बताई गई है जो श्रावण मास की भीड़ और गतिविधियों के दौरान 24 घंटे कार्यरत रहेंगे।
Contents
- 1 श्रावणी मेला: एक संक्षिप्त परिचय
- 1.1 सफाई के लिए 1150 कर्मियों की आवश्यकता: तीन पालियों में काम
- 1.2 मजदूरी दर का उल्लेख नहीं: पारदर्शिता पर सवाल
- 1.3 Related
श्रावणी मेला: एक संक्षिप्त परिचय
श्रावणी मेला झारखंड के देवघर में श्रावण मास के दौरान आयोजित होने वाला एक विशाल धार्मिक मेला है। बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए देशभर के श्रद्धालु गंगा जल लेकर सैंकड़ों किलोमीटर की यात्रा करके यहां पहुंचते हैं।
यह मेला सावन के पहले दिन से लेकर रक्षाबंधन तक चलता है, और इस दौरान देवघर से बासुकीनाथ तक कांवर यात्रा होती है। इसमें सुरक्षा, सफाई, पानी, आवास, चिकित्सा, बिजली और ट्रैफिक प्रबंधन जैसी व्यवस्थाएं बड़ी चुनौती बन जाती हैं।
सफाई के लिए 1150 कर्मियों की आवश्यकता: तीन पालियों में काम
नगर निगम द्वारा जारी टेंडर के अनुसार, मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए 1150 सफाई कर्मियों की तैनाती की जाएगी। सफाईकर्मी तीन पालियों में 24 घंटे कार्य करेंगे ताकि पूरे आयोजन के दौरान कोई गंदगी या संक्रमण न फैले।
तैनाती की समय सारणी:
अवधि | पालियाँ | कर्मियों की संख्या |
---|---|---|
1 जुलाई – 9 जुलाई | 3 | प्रतिदिन 250 प्रति पाली = 750 |
10 अगस्त – 25 अगस्त | 3 | प्रतिदिन 100 प्रति पाली = 300 |
कुल | – | 1150 सफाईकर्मी |
मजदूरी दर का उल्लेख नहीं: पारदर्शिता पर सवाल
हालांकि टेंडर दस्तावेजों में मजदूरी दर का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। यह स्थिति स्थानीय सामाजिक संगठनों और संभावित टेंडर आवेदकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
🧾 पिछले वर्ष की स्थिति:
पिछले वर्ष नगर निगम ने टेंडर में प्रति सफाईकर्मी की मजदूरी दर का स्पष्ट उल्लेख किया था जिससे पारदर्शिता बनी रहती थी। लेकिन इस बार यह जानकारी छुपाई गई है जिससे ठेकेदारों की मनमानी और श्रमिकों के शोषण की आशंका जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बैठक: व्यवस्थाओं पर फोकस
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकरण के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए जिनमें प्रमुख थे:
📋 बैठक के मुख्य बिंदु:
- श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रण हेतु पर्याप्त सुरक्षा बल की तैनाती
- स्वच्छता, पेयजल, बिजली और ट्रैफिक प्रबंधन सुनिश्चित करना
- चिकित्सा टीम और आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहना
- स्थानीय लोगों की सुविधा और रोजगार सुनिश्चित करना
श्रावणी मेले की व्यवस्थाओं की झलकियाँ (विजुअल्स का सुझाव)
- कांवरियों के ठहरने के लिए टेंट सिटी
- घाटों की साफ-सफाई और क्लोरीन छिड़काव
- महिला और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं
- हेल्थ कैंप और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स
- CCTV कैमरे और ड्रोन निगरानी व्यवस्था
मेला क्षेत्र का संभावित नक्शा और सुविधाएँ (सुझाव)
क्षेत्र | सुविधा |
---|---|
टावर चौक | मेडिकल यूनिट, पुलिस पोस्ट |
नंदन पहाड़ी मार्ग | जल आपूर्ति केंद्र |
सिविल लाइन | प्रशासनिक शिविर |
मंदिर परिसर | एंबुलेंस और इमरजेंसी टीम |
गंगा तट | घाट सफाई और कंट्रोल रूम |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
❓ श्रावणी मेला 2025 की शुरुआत कब से हो रही है?
✅ श्रावण मास की शुरुआत 1 जुलाई 2025 से हो रही है और रक्षाबंधन तक (25 अगस्त 2025) यह मेला चलेगा।
❓ क्या इस बार कांवर यात्रा पूरी तरह अनुमति प्राप्त है?
✅ हाँ, प्रशासन ने कोविड प्रतिबंध हटने के बाद कांवर यात्रा की पूरी अनुमति दी है लेकिन नियमों का पालन अनिवार्य है।
❓ क्या महिला श्रद्धालुओं के लिए कोई विशेष सुविधा है?
✅ महिला सुरक्षा के लिए अलग नियंत्रण कक्ष, महिला सुरक्षाकर्मी और विशेष विश्राम केंद्र बनाए गए हैं।
❓ सफाईकर्मियों को कितनी मजदूरी मिलेगी?
✅ वर्तमान टेंडर में मजदूरी दर का उल्लेख नहीं है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी है। सामाजिक संगठनों ने पारदर्शिता की मांग की है।
❓ क्या श्रावणी मेला ऑनलाइन देखा जा सकता है?
✅ हाँ, बाबा बैद्यनाथ मंदिर की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर लाइव दर्शन की सुविधा उपलब्ध होगी।
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निष्कर्ष
श्रावणी मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि यह राज्य की प्रतिष्ठा और प्रशासनिक क्षमताओं की भी परीक्षा है। 1150 सफाईकर्मियों की नियुक्ति और टेंडर की प्रक्रिया इस बात का संकेत है कि इस बार प्रशासन ने पूरी गंभीरता से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
हालांकि मजदूरी दर को लेकर पारदर्शिता की कमी चिंता का विषय है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही प्रशासन इसे स्पष्ट करेगा। श्रद्धालुओं को इस बार एक साफ-सुथरा, सुरक्षित और भव्य श्रावणी मेला देखने को मिलेगा।
यह रिपोर्ट नगर निगम के टेंडर दस्तावेज, स्थानीय मीडिया और प्रशासनिक इनपुट पर आधारित है।