लेखक :- Roshan Kumar Soni
कैटेगरी :- ताजा खबर | सुप्रीम कोर्ट पर निशिकांत दुबे का बड़ा बयान
Publish Date :- Saturday ,19 April 2025
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वेब ब्लॉग कंटेंट (Hindi)
नई दिल्ली — देश की राजनीति में एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट और संसद के अधिकारों को लेकर गरमा गरम बहस छिड़ गई है। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार (19 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर देश का कानून अब अदालत ही बनाएगी, तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए।
दुबे ने कहा — “देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए केवल सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट अब अपनी सीमाओं से बाहर जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े, तो संसद और विधानसभा की क्या जरूरत?”
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिकता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अदालत ने इस कानून के कुछ विवादित प्रावधानों पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें फिलहाल लागू न करने पर सहमति दी है।

इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर फैसला लेने की समयसीमा भी तय की, जिस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताई है। अब इस पर संसद और अदालत के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
निशिकांत दुबे का आरोप
बीजेपी सांसद ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश इस देश में हो रहे गृहयुद्धों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा — “आप अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे दे सकते हैं? राष्ट्रपति सीजेआई को नियुक्त करते हैं। संसद कानून बनाती है। फिर अदालत नया कानून कैसे बना सकती है?”
क्या बोले उपराष्ट्रपति?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी हाल में कहा था कि न्यायपालिका को अपनी सीमाओं में रहना चाहिए और विधायिका के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q. सुप्रीम कोर्ट और संसद के बीच विवाद क्यों हो रहा है?
A. वक्फ (संशोधन) अधिनियम और राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर फैसले की समयसीमा तय करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट और संसद के अधिकारों पर टकराव की स्थिति बनी है।
Q. निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर क्या कहा?
A. निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाएगी तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।
Q. वक्फ एक्ट संशोधन मामला क्या है?
A. वक्फ एक्ट में किए गए संशोधनों की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। अदालत ने कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई है।
Q. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को लेकर क्या निर्देश दिया था?
A. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति को उनके पास भेजे गए विधेयकों पर 3 महीने के भीतर फैसला लेना चाहिए।
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