Published by :- Roshan Kumar
Updated on: Thursday , 06 March 2025
नई दिल्ली / लखनऊ: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के मामले में एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी हाजिरी माफी की अर्जी पर 200 रुपये का हर्जाना लगाया है और अगली सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख तय की है। यह मामला राहुल गांधी द्वारा 2022 में अकोला में भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान वीर
सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणी से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने सावरकर को अंग्रेजों का पेंशनर और नौकर कहकर उन पर आरोप लगाए थे।

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क्या था मामला?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने 17 नवंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। राहुल गांधी ने सावरकर को “अंग्रेजों का पेंशनर, नौकर और माफी मांगने वाला” कहा था। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि सावरकर ने ब्रिटिश साम्राज्य के लिए काम किया
था और अपने जीवन के एक बड़े हिस्से में अंग्रेजों के साथ सहयोग किया था। इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था और वादी नृपेंद्र पांडेय ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। पांडेय का कहना था कि राहुल गांधी की यह टिप्पणी न केवल वीर सावरकर का बल्कि समस्त स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।
कोर्ट ने क्यों लगाया हर्जाना?
राहुल गांधी की ओर से अदालत में हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी, जिसमें यह कहा गया था कि वह 5 मार्च को एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे और इस वजह से अदालत में पेश नहीं हो सकते। इस पर वादी ने विरोध किया और कोर्ट में मामला उठाया। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद राहुल गांधी की अर्जी को स्वीकार किया, लेकिन इसके साथ ही उन पर 200 रुपये का हर्जाना भी लगाया।
कोर्ट का यह फैसला राहुल गांधी के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि अदालत उनके मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतने वाली है। इसके साथ ही, अदालत ने अगले महीने यानी 14 अप्रैल को इस मामले की अगली सुनवाई तय की है, जिसमें राहुल गांधी को अदालत में पेश होना पड़ेगा।
राहुल गांधी की टिप्पणी और विवाद
राहुल गांधी की टिप्पणी ने सावरकर को लेकर देशभर में बहस छेड़ दी। सावरकर को लेकर कई विचार और मत हैं, और उनके योगदान को लेकर भी अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। कुछ लोग उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक मानते हैं, जबकि अन्य उन्हें अंग्रेजों के प्रति सहानुभूति रखने वाला बताते हैं। राहुल गांधी की टिप्पणी ने इस विवाद को और हवा दी और उनके बयान को लेकर कई प्रतिक्रियाएं सामने आईं।
सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद कई बीजेपी नेताओं ने उन पर निशाना साधा और कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की हताशा और उनके नेतृत्व की नाकामी को दर्शाता है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इसे राहुल गांधी की स्वतंत्रता की आवाज़ के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि वह देश के इतिहास पर अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
राहुल गांधी पर कोर्ट का फैसला
इस मामले में राहुल गांधी को लेकर अदालत का फैसला कई मायनों में अहम है। कोर्ट ने न केवल राहुल गांधी की हाजिरी माफी की अर्जी को स्वीकार किया, बल्कि उन पर 200 रुपये का हर्जाना भी लगाया। यह एक संकेत है कि कोर्ट इस मामले में सख्ती से काम ले रही है। राहुल गांधी के लिए यह एक चुनौती है क्योंकि उन्हें अब अगली सुनवाई में अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी।
इसके अलावा, यह भी दिखाता है कि कोर्ट इस विवाद को गंभीरता से देख रही है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी। इससे यह भी साफ है कि राहुल गांधी के खिलाफ उठे विवाद को लेकर कोर्ट और सार्वजनिक प्रतिक्रिया लगातार बढ़ती जा रही है।
सावरकर पर विवाद और भारतीय राजनीति में उनका स्थान
वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे, लेकिन उनके बारे में भारतीय राजनीति में हमेशा से ही विवाद रहा है। कुछ लोग उन्हें एक महान स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं, जबकि कुछ उनके बर्ताव और विचारों को लेकर आलोचना करते हैं। खासकर, सावरकर का अंग्रेजों से माफी मांगने और उनके साथ सहयोग करने का मामला हमेशा ही चर्चा का विषय रहा है।
राहुल गांधी ने सावरकर पर अपनी टिप्पणी के जरिए इस विवाद को फिर से ताजा किया है। उनके इस बयान से यह भी साबित होता है कि भारत में सावरकर के विचारों और उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर अब भी मतभेद हैं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. राहुल गांधी पर कोर्ट ने क्या कार्रवाई की है?
कोर्ट ने राहुल गांधी की हाजिरी माफी की अर्जी स्वीकार की और उन पर 200 रुपये का हर्जाना लगाया।
2. राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ क्या टिप्पणी की थी?
राहुल गांधी ने सावरकर को “अंग्रेजों का पेंशनर, नौकर और माफी मांगने वाला” बताया था।
3. यह मामला कब हुआ था?
यह मामला 17 नवंबर 2022 को राहुल गांधी के अकोला में किए गए बयान के बाद से शुरू हुआ था।
4. कोर्ट ने राहुल गांधी की अर्जी क्यों स्वीकार की?
कोर्ट ने राहुल गांधी की अर्जी इसलिए स्वीकार की, क्योंकि उन्हें एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल से मिलना था और इसलिए वह सुनवाई में उपस्थित नहीं हो सकते थे।
5. अगली सुनवाई कब होगी?
कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख तय की है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का यह बयान और उस पर कोर्ट का फैसला भारतीय राजनीति और कानूनी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस मामले ने सावरकर को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जो भारतीय राजनीति में कई दृष्टिकोणों को उजागर करता है। राहुल गांधी की टिप्पणी पर आ रही प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि सावरकर पर बहस आज भी भारतीय राजनीति में जीवित है।
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