Published by :- Hritik Kumar
Updated on: Saturday, 01 Feb 2025
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की एक महिला, जो प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ के दौरान लापता हो गई थी, आखिरकार अपने घर सकुशल लौट आई हैं। उनकी वापसी से परिवार में खुशी का माहौल है। जमशेदपुर के जुगसलाई इलाके के कुछ दयालु लोगों की मदद से गीता देवी (50 वर्ष) अपने घर पहुंच सकीं।
Contents
कैसे हुई गीता देवी लापता?

गीता देवी अपने पति चैतन हेंब्रोम, पुत्र हरनाम हेंब्रोम और सास रुक्मिणी सिंह के साथ 27 जनवरी को महाकुंभ के शाही स्नान के लिए प्रयागराज गई थीं। 28 जनवरी की रात संगम नोज में भगदड़ मच गई, जिससे गीता देवी अपने परिवार से बिछड़ गईं। परिजनों ने उन्हें काफी खोजा, लेकिन वह नहीं मिलीं।
संघर्ष और मदद की कहानी
लापता होने के बाद गीता देवी एक अनजान शहर में अकेली थीं। उनके पास न पैसे थे और न ही कोई जान-पहचान। वह भारी भीड़ के बीच परेशान घूम रही थीं। इसी दौरान जुगसलाई गर्ल्स स्कूल रोड की निवासी संगीता देवी और सुरेंद्र चौधरी ने उन्हें देखा और उनसे बातचीत की। जब उन्हें पता चला कि गीता देवी भी जमशेदपुर से हैं, तो उन्होंने उनकी पूरी मदद की और सुरक्षित घर तक पहुँचाया।
संगीता देवी ने निभाया इंसानियत का फर्ज
संगीता देवी ने बताया कि संगम तट पर भगदड़ के बाद स्थिति बहुत भयावह थी। कई लोग अपने परिजनों से बिछड़ गए थे और रो रहे थे। होटल में खाना खाने के दौरान उन्होंने गीता देवी को घबराए हुए और रोते हुए देखा। उन्होंने गीता देवी की स्थिति को समझते हुए तुरंत मदद करने का फैसला किया। उन्होंने पहले उन्हें बनारस लाया, फिर बक्सर से ट्रेन पकड़कर टाटानगर स्टेशन पहुंचाया।
परिवार की राहत और खुशी
गीता देवी के पति, पुत्र और सास ने बनारस में रुककर उनकी तलाश जारी रखी थी। वे कंट्रोल रूम और अस्पतालों में खोजबीन कर रहे थे। इसी बीच, उनका बड़ा बेटा दीपक हेंब्रोम तीन दोस्तों के साथ प्रयागराज पहुंचा था, लेकिन इससे पहले ही गीता देवी जमशेदपुर पहुंच गईं। जब परिजनों को यह खुशखबरी मिली, तो सभी ने राहत की सांस ली।
गीता देवी ने जताया आभार
घर लौटने के बाद गीता देवी ने संगीता देवी और सुरेंद्र चौधरी का तहेदिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें इनकी मदद नहीं मिलती, तो वह नहीं जानतीं कि उन्हें कब और कैसे घर लौटने का अवसर मिलता।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. गीता देवी कैसे लापता हुईं?
28 जनवरी की रात संगम तट पर भगदड़ के दौरान गीता देवी अपने परिवार से बिछड़ गई थीं।
2. गीता देवी को किसने और कैसे मदद की?
जमशेदपुर की जुगसलाई निवासी संगीता देवी और सुरेंद्र चौधरी ने उनकी मदद की और सुरक्षित घर पहुँचाया।
3. क्या गीता देवी के परिवार ने उन्हें खोजने की कोशिश की?
हाँ, उनका परिवार बनारस में रुककर कंट्रोल रूम और अस्पतालों में उनकी तलाश कर रहा था।
4. गीता देवी की मदद कैसे की गई?
संगीता देवी और सुरेंद्र चौधरी ने उन्हें बनारस लाकर बक्सर होते हुए ट्रेन से टाटानगर स्टेशन तक पहुँचाया।
5. गीता देवी अभी कहाँ हैं?
वह फिलहाल जमशेदपुर की रिफ्यूजी कॉलोनी में अपने रिश्तेदार के घर पर रुकी हुई हैं।
निष्कर्ष
यह घटना इंसानियत की एक बेहतरीन मिसाल पेश करती है। गीता देवी का सकुशल घर लौट आना उनके परिवार के लिए एक बड़ी राहत की बात है। इस कठिन समय में संगीता देवी और सुरेंद्र चौधरी का सहयोग यह दिखाता है कि जब हम एक-दूसरे की मदद करते हैं, तो हर कठिनाई आसान हो सकती है।
यह भी पढ़ें :- दिल्ली में झमाझम बारिश और कड़ाके की ठंड: IMD की चेतावनी, जानिए पूरा अपडेट