षटतिला एकादशी 2025 की तिथि और समय

तिथि: षटतिला एकादशी इस वर्ष 25 जनवरी 2025, शनिवार को पड़ रही है।  हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।

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षटतिला एकादशी का महत्व

 इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की आराधना से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।  यह व्रत जीवन के कष्टों को दूर करता है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देता है।

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तुलसी पूजन का विशेष महत्व

षटतिला एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना गया है, जिससे धन और यश में वृद्धि होती है।

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पूजा विधि का संपूर्ण विवरण

प्रातःकाल उठकर पवित्र स्नान करें। तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं। भगवान विष्णु को पीले फूल, चंदन, और नैवेद्य अर्पित करें। अंत में तुलसी चालीसा का पाठ करें।

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तुलसी चालीसा पाठ के लाभ

तुलसी चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं। यह पाठ जीवन में सुख शांति और धन-समृद्धि लाने वाला है।

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षटतिला एकादशी व्रत की विधि

व्रत रखने वाले को सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। दिनभर उपवास रखें और केवल फलाहार ग्रहण करें। ब्राह्मण को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।

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दान का महत्व

 इस दिन तिल का दान करना बहुत पुण्यकारी माना गया है। तिल के साथ अन्य वस्त्र, अन्न, और दक्षिणा का दान भी शुभ फल देता है।

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धार्मिक मान्यताएं और कथाएं

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और साधक को अपने शरण में लेते हैं। देवी लक्ष्मी भी अपनी कृपा बनाए रखती हैं।

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ध्यान और ध्यान मंत्र

इस दिन विष्णु मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करना बहुत ही फलदायी माना गया है। ध्यान के समय तुलसी माता के गुणगान करें।

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