By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Wed , 28 May 2025
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भूमिका:
भारत में मानसून सिर्फ मौसम परिवर्तन का संकेत नहीं होता, यह लाखों किसानों, ग्रामीण इलाकों और देश की अर्थव्यवस्था के लिए जीवनदायिनी वर्षा होती है। हर साल मानसून का इंतजार पूरे देश को रहता है—कभी गर्मी से राहत के लिए, कभी फसलें बोने के लिए। साल 2025 में भारत के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होगी।
मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट: क्या कहा गया?
मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने अद्यतन मानसून पूर्वानुमान में कहा कि:
- जून से सितंबर 2025 के बीच भारत में दीर्घकालिक औसत वर्षा का 106% बारिश हो सकती है।
- इसका मतलब है कि 2025 में मानसून सीजन औसत से अधिक सक्रिय रहने वाला है।
- भारत का दीर्घकालिक औसत वर्षा आंकड़ा 868.6 मिमी है, ऐसे में 106% वर्षा 900 मिमी से अधिक हो सकती है।
कहां-कहां होगी ज्यादा बारिश?
मौसम विभाग के अनुसार:
- देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश देखने को मिलेगी।
- उत्तर-पश्चिम भारत, पूर्वोत्तर भारत, और कुछ पूर्वी राज्य ऐसे होंगे जहां पर बारिश थोड़ी कम या सामान्य हो सकती है।
- मानसून की गति और प्रभाव क्षेत्र विशेष पर निर्भर करेगा, जिसे लेकर IMD जुलाई के पहले हफ्ते में और विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा।
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने ली जल्दी एंट्री
- इस बार मानसून ने सामान्य समय (1 जून) से पहले 24 मई 2025 को ही केरल में दस्तक दे दी है।
- आने वाले 2–3 दिनों में मानसून महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम तक पहुंच सकता है।
- पूर्वोत्तर राज्यों में भी मानसून की स्थितियां अनुकूल हैं।
किसानों के लिए खुशखबरी
- सामान्य से अधिक वर्षा का मतलब है कि खरीफ सीजन में बुआई अच्छे से हो सकेगी।
- यह वर्षा धान, मक्का, बाजरा, कपास और दालों जैसी फसलों के लिए वरदान होगी।
- वर्षा आधारित सिंचाई पर निर्भर करोड़ों किसान इससे लाभान्वित होंगे।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी और फूड सिक्योरिटी में सुधार होगा।
पिछले वर्षों से तुलना
वर्ष | मानसून आगमन की तारीख | वर्षा की स्थिति |
---|---|---|
2022 | 29 मई | सामान्य |
2023 | 08 जून | सामान्य से कम |
2024 | 30 मई | सामान्य |
2025 | 24 मई | 106% (अपेक्षित) |
किन राज्यों को रहना होगा अलर्ट?
कुछ राज्यों में मानसून का आगमन धीमा या सामान्य हो सकता है, जैसे:
- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से
- असम, मणिपुर, नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्य
- इन राज्यों में मानसून की शुरुआत में थोड़ी देरी हो सकती है या वर्षा की मात्रा औसत के आसपास रह सकती है।
मानसून पूर्वानुमान कैसे किया जाता है?
IMD अनेक वैज्ञानिक उपकरणों और तकनीकों से मानसून की भविष्यवाणी करता है, जैसे:
- Dynamical Model: समुद्र की सतह का तापमान, हवाओं की दिशा और दबाव प्रणाली को देखकर भविष्यवाणी।
- El Niño/La Niña: प्रशांत महासागर में होने वाले इस बदलाव से मानसून प्रभावित होता है।
- Madden Julian Oscillation (MJO): वायुमंडलीय घटनाओं से वर्षा के पैटर्न में बदलाव आता है।
मानसून से जुड़ी 5 जरूरी बातें
- बारिश का असमान वितरण हो सकता है।
- मानसून के पहले और बाद में लू और उमस से बचाव करें।
- बिजली गिरने की घटनाओं से सावधानी बरतें।
- फसल बीमा और पूर्व तैयारी किसानों के लिए जरूरी है।
- बारिश के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव करें – मच्छरों और जलजनित बीमारियों का खतरा रहता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
❓ मानसून 2025 में कब आएगा?
उत्तर: मानसून ने 24 मई 2025 को केरल में दस्तक दी है और अगले 2-3 दिनों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा और पूर्वोत्तर राज्यों में पहुंचने की संभावना है।
❓ क्या इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश होगी?
उत्तर: हां, IMD के अनुसार इस साल दीर्घकालिक औसत से 106% बारिश होने की संभावना है।
❓ किन राज्यों में सबसे ज्यादा बारिश होगी?
उत्तर: मध्य भारत, दक्षिण भारत और कुछ पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
❓ क्या इससे किसानों को फायदा होगा?
उत्तर: बिल्कुल! इससे खरीफ फसलों की बुआई बेहतर होगी और कृषि उत्पादन बढ़ेगा।
❓ क्या मानसून देर से या जल्दी आया है?
उत्तर: इस बार मानसून ने 24 मई को दस्तक दी है, जो सामान्य समय 1 जून से एक सप्ताह पहले है।
🔚 निष्कर्ष
साल 2025 का मानसून भारत के लिए शुभ संकेत लेकर आया है। समय से पहले मानसून की एंट्री और सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान न केवल कृषि बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। हालांकि, मानसून के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए सतर्कता और पूर्व योजना भी आवश्यक है।
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